दानी हो कर तू चुप बैठा ये कैसी दातारी रे
श्याम बाबा, श्याम बाबा, श्याम बाबा,
दानी हो कर तू चुप बैठा,
ये कैसी दातारी रे,
ओ श्याम बाबा, क्यों तेरे भक्त दुखारी रे,
ओ श्याम बाबा, क्यों तेरे भक्त दुखारी रे,
बिन फल के जो वृक्ष न सोहे,
बिन बालक क्यों नारी रे, ओ श्याम बाबा,
क्यों तेरे भक्त दुखारी रे,
श्याम सुन्दर ने खुश होकर तुझे, अपना रूप दिया है,
अपना रूप दिया है, अपना रूप दिया है,
और हमनें उस रूप का दर्शन, सौ सौ बार किया है,
सौ सौ बार किया है, सौ सौ बार किया है,
हमरे संकट दूर न हो तो,
हमरे संकट दूर न हो तो, ये बदनामी थारी रे,
ओ श्याम बाबा, क्यों तेरे भक्त दुखारी रे,
ना मैं चाहूँ हीरे मोती, ना चाँदी ना सोना,
ओ बाबा ना चाँदी ना सोना,
मेरे आँगन भेज दे बाबा, तुझसा एक सलौना,
हम को क्या जो वन उपवन में,
फूल रही फुलवारी रे,
ओ श्याम बाबा, क्यों तेरे भक्त दुख़ारी रे,
ज़ब तक आशा पूरी ना होगी, दर से हम ना हटेंगे,
सब भक्तो को बहका देंगे, तेरा नाम ही लेंगे,
सोच ले तू भगतो का पलड़ा,
सदा रहा है भारी रे,
ओ श्याम बाबा, क्यों तेरे भक्त दुखारी रे,
श्याम बाबा, श्याम बाबा, श्याम बाबा,
दानी हो कर तू चुप बैठा, ये कैसी दातारी रे,
ओ श्याम बाबा, क्यों तेरे भक्त दुखारी रे,
ओ श्याम बाबा, क्यों तेरे भक्त दुखारी रे,
बिन फल के जो वृक्ष न सोहे,
बिन बालक क्यों नारी रे,
ओ श्याम बाबा, क्यों तेरे भक्त दुखारी रे, Daani Hokar Kyun Chup Baitha \\ Hit Krishna Bhajan 2016 \\ Latest Devotional Bhajan \\ Sanjay Mittal
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