करम की गति न्यारी न्यारी, संतो।
बड़े बड़े नयन दिए मिरगन को,
बन बन फिरत उधारी॥
उज्वल वरन दीन्ही बगलन को,
कोयल लार दीन्ही कारी॥
औरन दीपन जल निर्मल किन्ही,
समुंदर कर दीन्ही खारी॥
मूर्ख को तुम राज दीयत हो,
पंडित फिरत भिखारी॥
मीरा के प्रभु गिरिधर नागुण
राजा जी को कौन बिचारी॥
**
करम की गति न्यारी न्यारी, संतो।
बड़े बड़े नयन दिए मिरगन को,
बन बन फिरत उधारी॥
उज्वल वरन दीन्ही बगलन को,
कोयल लार दीन्ही कारी॥
औरन दीपन जल निर्मल किन्ही,
समुंदर कर दीन्ही खारी॥
मूर्ख को तुम राज दीयत हो,
पंडित फिरत भिखारी॥
मीरा के प्रभु गिरिधर नागुण
राजा जी को कौन बिचारी॥
बड़े बड़े नयन दिए मिरगन को,
बन बन फिरत उधारी॥
उज्वल वरन दीन्ही बगलन को,
कोयल लार दीन्ही कारी॥
औरन दीपन जल निर्मल किन्ही,
समुंदर कर दीन्ही खारी॥
मूर्ख को तुम राज दीयत हो,
पंडित फिरत भिखारी॥
मीरा के प्रभु गिरिधर नागुण
राजा जी को कौन बिचारी॥
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करम की गति न्यारी न्यारी, संतो।
बड़े बड़े नयन दिए मिरगन को,
बन बन फिरत उधारी॥
उज्वल वरन दीन्ही बगलन को,
कोयल लार दीन्ही कारी॥
औरन दीपन जल निर्मल किन्ही,
समुंदर कर दीन्ही खारी॥
मूर्ख को तुम राज दीयत हो,
पंडित फिरत भिखारी॥
मीरा के प्रभु गिरिधर नागुण
राजा जी को कौन बिचारी॥
करम की गति न्यारी न्यारी, संतो।
हिंदी अर्थ : कर्म (इश्वर द्वारा प्रदत्त जीवन के आधार पर ) की गति (फल, कर्मों के मताबिक फल की प्राप्ति) प्रथक प्रथक होती है।
बड़े बड़े नयन दिए मिरगन को,
बन बन फिरत उधारी॥
हिंदी अर्थ : मृग (हिरण) को भगवान ने बड़े बड़े नयन दिए हैं लेकिन वह कुछ देख नहीं पाती है और वन वन भटकती है। ऐसे ही मनुष्य स्वंय के जीवन के महत्त्व को समझ नहीं पाता है। आँखे उघाड़ कर वह इधर उधर फिरती है लेकिन उसे मर्म समझ में नहीं आता है।
उज्वल वरन दीन्ही बगलन को,
कोयल लार दीन्ही कारी॥
बगुले को सफेद रंग दिया है और कोयल को काला, यह सब कर्मों के परिणाम पर आधारित है।
औरन दीपन जल निर्मल किन्ही,
समुंदर कर दीन्ही खारी॥
हिंदी अर्थ : छोटी नदी का जल / पोखर का जल मीठा होता है वहीँ पर समुद्र का जल आपने खारा बना दिया।
मूर्ख को तुम राज दीयत हो,
पंडित फिरत भिखारी॥
हिंदी अर्थ : हे इश्वर आपकी माया को कोई समझ नहीं पाया है क्योंकि आपने मूर्ख को राज पाट दिया है और ग्यानी पंडित भिखारी बन फिरते हैं।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागुण
राजा जी को कौन बिचारी॥
आप तो मेरे स्वामी हैं, राजा जी (पति) के विषय में कौन विचार करे।
हिंदी अर्थ : कर्म (इश्वर द्वारा प्रदत्त जीवन के आधार पर ) की गति (फल, कर्मों के मताबिक फल की प्राप्ति) प्रथक प्रथक होती है।
बड़े बड़े नयन दिए मिरगन को,
बन बन फिरत उधारी॥
हिंदी अर्थ : मृग (हिरण) को भगवान ने बड़े बड़े नयन दिए हैं लेकिन वह कुछ देख नहीं पाती है और वन वन भटकती है। ऐसे ही मनुष्य स्वंय के जीवन के महत्त्व को समझ नहीं पाता है। आँखे उघाड़ कर वह इधर उधर फिरती है लेकिन उसे मर्म समझ में नहीं आता है।
उज्वल वरन दीन्ही बगलन को,
कोयल लार दीन्ही कारी॥
बगुले को सफेद रंग दिया है और कोयल को काला, यह सब कर्मों के परिणाम पर आधारित है।
औरन दीपन जल निर्मल किन्ही,
समुंदर कर दीन्ही खारी॥
हिंदी अर्थ : छोटी नदी का जल / पोखर का जल मीठा होता है वहीँ पर समुद्र का जल आपने खारा बना दिया।
मूर्ख को तुम राज दीयत हो,
पंडित फिरत भिखारी॥
हिंदी अर्थ : हे इश्वर आपकी माया को कोई समझ नहीं पाया है क्योंकि आपने मूर्ख को राज पाट दिया है और ग्यानी पंडित भिखारी बन फिरते हैं।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागुण
राजा जी को कौन बिचारी॥
आप तो मेरे स्वामी हैं, राजा जी (पति) के विषय में कौन विचार करे।
Meera Baai Pad Karam Ki Gati Nyari Nyari Meaning in English
The pace of karma is strange, O Saints,
The deer with big eyes wanders again and again,
Roaming through the forest.
The nightingale gives its melodious tune,
Even though it is surrounded by thorns.
The lamp enlightens others, but remains pure itself,
The ocean remains salty despite giving water to all.
You give a kingdom to the fool,
And the learned one wanders around begging.
Oh my Lord, Meera's Giridhar Nagar,
Who can understand the ways of the king?
The deer with big eyes wanders again and again,
Roaming through the forest.
The nightingale gives its melodious tune,
Even though it is surrounded by thorns.
The lamp enlightens others, but remains pure itself,
The ocean remains salty despite giving water to all.
You give a kingdom to the fool,
And the learned one wanders around begging.
Oh my Lord, Meera's Giridhar Nagar,
Who can understand the ways of the king?
करम की गति न्यारी न्यारी लिरिक्स Karam Ki Gati Nyari Nyari Lyrics Meera Bai Bhajan
Meera Bhajan Karam ki Gati Nyari With Lyrics, Voice by Lata
karam kee gati nyaaree nyaaree, santo.bade bade nayan die miragan ko,
ban ban phirat udhaaree.
ujval varan deenhee bagalan ko,
koyal laar deenhee kaaree.
auran deepan jal nirmal kinhee,
samundar kar deenhee khaaree.
moorkh ko tum raaj deeyat ho,
pandit phirat bhikhaaree.
meera ke prabhu giridhar naagun
raaja jee ko kaun bichaaree.
karam kee gati nyaaree nyaaree, santo.
bade bade nayan die miragan ko,
ban ban phirat udhaaree.
ujval varan deenhee bagalan ko,
koyal laar deenhee kaaree.
auran deepan jal nirmal kinhee,
samundar kar deenhee khaaree.
moorkh ko tum raaj deeyat ho,
pandit phirat bhikhaaree.
meera ke prabhu giridhar naagun
raaja jee ko kaun bichaaree.
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