देश अपना भारत इस धरती में सबसे न्यारा, कही कल कल नदियां पुकारे कही पर्वत करे है इशारे, अपना पल है यहाँ फ़िज़ा में मिले लोग सभी यहाँ प्यारे, कही कल कल ....
कोई उर्दू कही हिंदी कोई पंजाबी कोई सिंधी, सूंदर संस्कर्ति है यह की मिल जुल कर रहते है यहाँ सारे, कही कल कल ....
कश्मीर से कन्याकुमारी यात्रा अनोखी हमारी, कर के भारत के दर्शन हुए धनाये ये भाग हमारे, कही कल कल ....
देश अपना भारत इस धरती में सबसे न्यारा, कही कल कल नदियां पुकारे कही पर्वत करे है इशारे, अपना पल है यहाँ फ़िज़ा में मिले लोग सभी यहाँ प्यारे, कही कल कल नदियां पुकारे कही पर्वत करे है इशारे
कोई उर्दू कही हिंदी कोई पंजाबी कोई सिंधी, सूंदर संस्कर्ति है यह की मिल जुल कर रहते है यहाँ सारे, कही कल कल नदियां पुकारे कही पर्वत करे है इशारे
कश्मीर से कन्याकुमारी यात्रा अनोखी हमारी, कर के भारत के दर्शन हुए धनाये ये भाग हमारे, कही कल कल नदियां पुकारे कही पर्वत करे है इशारे
Desh Apna Bharat Iss Dharti Mein Sabse Nyara
Kahe Kal Kal Nadiya Pukare Kahe Parvat Kare Ishare
Apnapan Yaha Hai Fiza Mein Mile Log Yaha Sabhi Pyare
Kahe Kal Kal Nadiya Pukare Kahe Parvat Kare Ishare
Desh Apna Bharat Iss Dharti Mein Sabse Nyara
Koi Urdu Kahe Koi Hindi Koi Punjabi Koi Sindhi
Sundar Sankskriti Hai Yaha Ki Mil Jul Rahte Hai Saare
Kahe Kal Kal Nadiya Pukare Kahe Parvat Kare Ishare
Apnapan Yaha Hai Fiza Mein Mile Log Yaha Sabhi Pyare
Kahsmir Se Kanya Kumari Yatra Ye Anuthi Hamari Karke Bharat Ke Darshan Hue Dhanya Ye Bhaag Hamare
Kahe Kal Kal Nadiya Pukare Kahe Parvat Kare Ishare