देश अपना भारत इस धरती में सबसे न्यारा

देश अपना भारत इस धरती में सबसे न्यारा

देश अपना भारत इस धरती में सबसे न्यारा,
कही कल कल नदियां पुकारे कही पर्वत करे है इशारे,
अपना पल है यहाँ फ़िज़ा में मिले लोग सभी यहाँ प्यारे,
कही कल कल ....

कोई उर्दू कही हिंदी कोई पंजाबी कोई सिंधी,
सूंदर संस्कर्ति है यह की मिल जुल कर रहते है यहाँ सारे,
कही कल कल ....

कश्मीर से कन्याकुमारी यात्रा अनोखी हमारी,
कर के भारत के दर्शन हुए धनाये ये भाग हमारे,
कही कल कल ....
देश अपना भारत इस धरती में सबसे न्यारा,
कही कल कल नदियां पुकारे कही पर्वत करे है इशारे,
अपना पल है यहाँ फ़िज़ा में मिले लोग सभी यहाँ प्यारे,
कही कल कल नदियां पुकारे कही पर्वत करे है इशारे

कोई उर्दू कही हिंदी कोई पंजाबी कोई सिंधी,
सूंदर संस्कर्ति है यह की मिल जुल कर रहते है यहाँ सारे,
कही कल कल नदियां पुकारे कही पर्वत करे है इशारे

कश्मीर से कन्याकुमारी यात्रा अनोखी हमारी,
कर के भारत के दर्शन हुए धनाये ये भाग हमारे,
कही कल कल नदियां पुकारे कही पर्वत करे है इशारे


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यह सोंग सत्य को प्रकट करता है कि भारत की सुंदरता उसकी विविधता, एकता और आत्मीयता में बसी है, जो इसे धरती पर सबसे अनोखा बनाती है।

नदियों की कल-कल और पर्वतों के इशारे भारत की प्राकृतिक शोभा को दर्शाते हैं, जो हर पल अपने सौंदर्य से मन को मोह लेते हैं। यह उद्गार मन को उस अनुभूति से जोड़ता है, जैसे कोई यात्री किसी पवित्र तीर्थ की यात्रा पर निकलता है। यहाँ की फिजा में बसी आत्मीयता और लोगों का प्यार भारत को एक सजीव परिवार बनाता है, जहाँ हर व्यक्ति एक-दूसरे का सम्मान करता है।

उर्दू, हिंदी, पंजाबी, सिंधी जैसी विविध भाषाएँ और संस्कृतियाँ भारत की सांस्कृतिक एकता की मिसाल हैं। यह भाव उस सत्य को उजागर करता है कि भारत का हर नागरिक अपनी विशिष्टता को बनाए रखते हुए भी एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहता है। जैसे कोई विद्यार्थी विभिन्न विषयों को सीखकर अपनी बुद्धि को समृद्ध करता है, वैसे ही भारत की संस्कृति विभिन्न रंगों को समेटकर और भी सुंदर बनती है।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा भारत की विशालता और आध्यात्मिक गहराई को दर्शाती है। यह उद्गार उस भाव को प्रकट करता है कि भारत के दर्शन करना अपने आप में एक धन्यता है, जो मन को गर्व और कृतज्ञता से भर देता है। जैसे कोई संत तीर्थयात्रा से अपने जीवन को पवित्र करता है, वैसे ही भारत की यह यात्रा हर व्यक्ति को अपनी जड़ों से जोड़ती है।

यह भाव हर उस व्यक्ति को प्रेरित करता है, जो भारत की एकता और सौंदर्य को अपने हृदय में संजोना चाहता है। यह भजन मन को सिखाता है कि भारत का हर कण, हर व्यक्ति और हर संस्कृति इस देश को सबसे न्यारा बनाती है, और इसे प्यार और सम्मान से सहेजना हर भारतीय का कर्तव्य है।
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