वन्दे मातरम् गीत भारत का राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' है जिसके रचयिता श्री बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय जी हैं। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय का जन्म २७ जून १८३८ को नेहाटी, बंगाल में हुआ था जो की बंगाली भाषा के श्रेष्ठ गीतकार, कवि, उपन्यासकार के साथ ही प्रसिद्द गद्यकार और पत्रकार रहे। उनके गीतों में से ही एक "वन्दे मातरम्/Vande Mataram" को भारत का राष्ट्रगीत होने का गौरव प्राप्त हुआ है। बांग्ला साहित्य में बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय का स्थान अत्यंत ही उल्लेखनीय है। श्री बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय का निधन ८ अप्रैल १८९४ को हुआ। वन्दे मातरम् : Vande Mataram : गीत भारत का राष्ट्रगीत है जिसने तात्कालिक रूप से भारत को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया और आज भी प्रत्येक भारतीय में राष्ट्रीय सम्मान और एकता का भाव मजबूत करता है साथ ही आज भी यह गीत हृदय को आन्दोलित करने की क्षमता रखता है।
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् शस्यशामलां मातरम् । शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।। वन्दे मातरम् । कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले, अबला केन मा एत बले । बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् । तुमि विद्या, तुमि धर्म तुमि हृदि, तुमि मर्म त्वं हि प्राणा: शरीरे बाहुते तुमि मा शक्ति, हृदये तुमि मा भक्ति, तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ३ ।। वन्दे मातरम् । त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी कमला कमलदलविहारिणी वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम् नमामि कमलां अमलां अतुलां सुजलां सुफलां मातरम् ।। ४ ।। वन्दे मातरम् । श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां धरणीं भरणीं मातरम् ।। ५ ।। वन्दे मातरम् ।।
वंदे मातरम (Vande Mataram : The National Song of India) के विषय में दिलचस्प बातें : -
वन्दे मातरम कब लिखा गया : प्रसिद्द भारतीय राष्ट्रगीत "वंदे मातरम" मूल रूप से सर्वप्रथम वर्ष 1876 में लिखा गया था और 1881 में आनंदमठ में प्रकाशित होने के उपरान्त अधिक विख्यात हुआ।
वन्दे मातरम को राष्ट्रगीत के रूप में कब अपनाया गया था : कांग्रेस के अधिवेशन से पहले वर्ष १९०५ को वन्दे मातरम को राष्ट्रगीत के रूप में अपनाया गया था। १९०५ के कांग्रेस के वाराणसी अधिवेशन में इसे सबसे पहले कवि सरला देवी चौदुरानी ने इसे गाकर लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया था। इसे 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान जन गण मन के समान दर्जा प्रदान करके अपनाया गया था।
वन्दे मातरम के लेखक कौन हैं : वन्दे मातरम के लेखक श्री बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय जी Bankim Chandra Chattopadhyay हैं।
वंदे मातरम (Vande Mataram) का अर्थ क्या है : मातरम शब्द का अर्थ मातृभूमि है और वन्दे का अर्थ नमन है। इसका अर्थ है की हे भारतमाता हम आपको नमन करते हैं।
भारत का राष्ट्रगीत कौनसा है ?वंदे मातरम भारत का राष्ट्रीय गीत है, जिसे मूल रूप से संस्कृत और बंगाली में बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित किया गया था।
वंदे मातरम (Vande Mataram) कहाँ लिखा गया है ?श्री बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने वंदे मातरम (Vande Mataram) को हुगली नदी के पास (मल्लिक घाट के पास) चिनसुराह में लिखा था। जदुनाथ भट्टाचार्य ने इसे लयबद्ध किया था
वंदे मातरम (Vande Mataram) कहाँ से लिया गया है।वंदे मातरम गीत वर्ष 1882 में प्रकाशित उपन्यास आनंद मठ से लिया गया है। मूल वंदे मातरम में 6 स्टेंज़ा शामिल हैं। इसका अनुवाद श्री अरबिंदो ने 20 नवंबर 1909 को कर्मयोगिन में किया था।
श्री बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय के द्वारा रचित साहित्य :- उपन्यास : दुर्गेशनन्दिनी, कपालकुण्डला, मृणालिनी, बिषबृक्ष, इन्दिरा, युगलांगुरीय, चन्द्रशेखर, राधारानी, रजनी, कृष्णकान्तेर उइल, राजसिंह, आनन्दमठ, देबी चौधुरानी।इसके अतिरिक्त कुछ प्रबन्ध ग्रन्थ यथा : कमलाकान्तेर दप्तर, लोकरहस्य, कृष्ण चरित्र, बिज्ञानरहस्य, बिबिध समालोचना, प्रबन्ध-पुस्तक, साम्य, कृष्ण चरित्र, बिबिध प्रबन्ध आदि। उपन्यासों में दुर्गेशनंदिनी, मृणालिनी, इंदिरा, राधारानी, कृष्णकांतेर दफ्तर, देवी चौधरानी और मोचीराम गौरेर जीवनचरित अधिक विख्यात हैं।
वन्दे मातरम् हे माता (भारत माता ) तुमको नमन है, हम आपको प्रणाम करते हैं। सुजलां सुफलाम् आपकी नदियों की धाराओं और फ़लीभूत रौशनी को। मलयजशीतलाम् आनंदित कर देने वाली मधुर हवाएं। शस्यश्यामलाम् घने लहलहाते खेत हैं। मातरम्। हे माता (भारत माता ) तुमको नमन है, हम आपको प्रणाम करते हैं।
Mother, I bow to thee Rich with thy hurrying streams, Bright with thy orchard gleams, Cool with the winds of delight, Dark fields waving, Mother of might, Mother free. Dark fields waving, Mother of might, Mother free.