दुनिया जाणे रामदेव जी अजमल घर अवतार

दुनिया जाणे रामदेव जी अजमल घर अवतार

दुनिया जाणे रामदेव जी,
अजमल घर अवतार,
परगट नही, भया है पीर जी,
परगट नही होया पीर जी,
आया है जन्म धार म्हारा पीर जी,
दुनियाँ जाणे रामदेव जी,
अजमल घर अवतार।

धर, जल, तेज, पवन, अंबर,
पांच पिंड आधार,
मात पिता रे ही बिना कूण,
देखियो संसार म्हारा पीर जी रे,
दुनियाँ जाणे रामदेव जी,
अजमल घर अवतार।

सायर सुत, माँ मंगनी रा जाया,
मेघवंशी जयपाल,
अजमल जी री आशा पुरण,
बण्या मैणादे रा लाल म्हारा पीर जी,
दुनियाँ जाणे रामदेव जी,
अजमल घर अवतार।

ज्यूँ जनमिया वे देवकी रे,
बण्या जसोदा रा लाल,
पिता वासु जी ज्योरा,
हो जावे नन्दलाल म्हारा पीर जी रे,
दुनियाँ जाणे रामदेव जी,
अजमल घर अवतार।

मेघ रीखों संग तंवर वंश में,
भलो चमकियो भाण,
मेघवंशी रिख रामचन्द्,
गावे सत परमोन म्हारा पीर जी रा,
दुनियाँ जाणे रामदेव जी,
अजमल घर अवतार।

दुनिया जाणे रामदेव जी,
अजमल घर अवतार,
परगट नही, भया है पीर जी,
परगट नही होया पीर जी,
आया है जन्म धार म्हारा पीर जी,
दुनियाँ जाणे रामदेव जी,
अजमल घर अवतार।


दुनिया जाने रामदेव जी अजमल घर अवतार भजन duniya jaane ramdev ajmal ghar avtari bhajan baba ramdev ji

Duniya Jaane Raamadev Jee,
Ajamal Ghar Avataar,
Paragat Nahee, Bhaya Hai Peer Jee,
Paragat Nahee Hoya Peer Jee,
Aaya Hai Janm Dhaar Mhaara Peer Jee,
Duniyaan Jaane Raamadev Jee,
Ajamal Ghar Avataar..

रामदेव जी का अवतार अजमल के घर सृष्टि के कल्याण को हुआ, पीर रूप में विश्व का मार्गदर्शन करता। उनका जन्म दैवी, पर प्रगट न हुआ, जैसे सत्य हृदय में छिपा रहता। पंच तत्व—धरती, जल, तेज, पवन, आकाश—उनके आधार बने, पर माता-पिता की कृपा बिना संसार की रचना अधूरी। माँ मंगनी की पुकार से सायर सुत, मेघवंशी जयपाल, अजमल की आशा पूर्ण कर मैणादे का लाल बना। जैसे देवकी ने जन्म दिया, यशोदा ने पाला, वासुदेव का पुत्र नंदलाल कहलाया, वैसे ही रामदेव जी मेघ और तंवर वंश में सूरज-से उभरे। मेघऋषि और रामचंद्र की सत्य परंपरा उनके गुणों का गान करती। यह भक्ति का आलम है—रामदेव जी साधक के मन में करुणा, विश्वास और धर्म का प्रकाश जलाते, पंच तत्वों के संसार में प्रेम और मुक्ति का पथ प्रशस्त करते।
 
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