श्री बद्रीनारायण जी की आरती लिरिक्स Badri Narayan Aarti Lyrics
SHRI BADRINARAYAN JI KI AARTIपवन मंद सुगन्ध शीतल हेम मन्दिर शोभितम् |
निकट गंगाबहत निर्मल श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् ||
शेष सुमरन करत निशदिन धरत ध्यान महेश्वर |
श्रीवेद ब्रह्मा करत स्तुति श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् ||
शक्ति गौरी गणेश शारद मुनि उच्चारणम् |
जोग ध्यान अपार लीला श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्
इन्द्र चन्द्र कुबेर धुनिकर धूप दीप प्रकाशितम् |
सिद्धि मुनिजन करत जै जै श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम्
यक्ष कित्रर करत कौतुक ज्ञान गन्धर्व प्रकाशितम्
श्रीलक्ष्मीकमला चँवरडोलें श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम्
कैलाश में एक देव निरंजन शैल शिखर महेश्वरम्
राजा युधिष्ठिर करत स्तुति श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् |
कोटि तीरथ भवेत् पुण्यं प्राप्यते फलदायकम् ||
जय बद्रीनाथ की || आरती श्री बद्रीनाथ जी की
आरती का महत्त्व : पूजा पाठ और भक्ति भाव में आरती का विशिष्ठ महत्त्व है। स्कन्द पुराण में आरती का महत्त्व वर्णित है। आरती में अग्नि का स्थान महत्त्व रखता है। अग्नि समस्त नकारात्मक शक्तियों का अंत करती है। अराध्य के समक्ष विशेष वस्तुओं को रखा जाता है। अग्नि का दीपक घी या तेल का हो सकता है जो पूजा के विधान पर निर्भर करता है। वातावरण को सुद्ध करने के लिए सुगन्धित प्रदार्थों का भी उपयोग किया जाता है। कर्पूर का प्रयोग भी जातक के दोष समाप्त होते हैं।