कानूड़ो नी जाणे म्हारी प्रीत भजन

कानूड़ो नी जाणे म्हारी प्रीत भजन

कानूड़ो नी जाणे म्हारी प्रीत,
मैं तो बाल कंवारी रे,
मैं तो एकल कंवारी रे,
साँवरियो नी जाणे म्हारी प्रीत।

जल जमुना में मैं तो,
पाणी ने गई थी कान्हा,
क़ानूड़ो उछाल्यो ठंडो नीर,
नीर लाग्यो अर रर रर रर,
कानूड़ो ना जाणे म्हारी प्रीत,
मैं तो बाल कंवारी रे,
मैं तो एकल कंवारी रे,
साँवरियो नी जाणे म्हारी प्रीत।

जल जमुना में मैं तो,
न्हावण ने गई थी कान्हा,
क़ानूड़ो पकड़ियो म्हारो चीर,
चीर बोल्या चर रर रर रर,
कानूड़ो ना जाणे म्हारी प्रीत,
मैं तो बाल कंवारी रे,
मैं तो एकल कंवारी रे,
साँवरियो नी जाणे म्हारी प्रीत।


बाई मीरा गावे,
गोविन्द रा गुण,
हिवड़ो ना झाले म्हारो धीर,
धीर बोल्या धर रर रर रर,
कानूड़ो ना जाणे म्हारी प्रीत,
मैं तो बाल कंवारी रे,
मैं तो एकल कंवारी रे,
साँवरियो नी जाणे म्हारी प्रीत।
कानूड़ो नी जाणे म्हारी प्रीत,
मैं तो बाल कंवारी रे,
मैं तो एकल कंवारी रे,
साँवरियो नी जाणे म्हारी प्रीत।

कानुडो नी जाणे म्हारी प्रीत Kanudo Ni Jane Mhari Peet Singer- नन्द लाल भाट नरधारी Live Full hd

Kaanoodo Nee Jaane Mhaaree Preet,
Main To Baal Kanvaaree Re,
Main To Ekal Kanvaaree Re,
Saanvariyo Nee Jaane Mhaaree Preet..
 
साँवरिया के प्रति कुँवारी का हृदय प्रेम और विरह से भरा है, पर कान्हा उसकी गहरी प्रीत को न समझे। यमुना के तट पर पानी लेने गई, साँवरे ने ठंडा नीर उछाला, तन भीगा, मन डूबा, फिर भी प्रेम अनछुआ रहा। नहाने गई, चीर पकड़ा, चीर की चर्र-चर्र ने मन को छेड़ा, पर साँवरिया की नटखट मुस्कान ने प्रीत को अनदेखा छोड़ा। मीरा-सी भक्ति में गोविंद के गुण गाते, हृदय धैर्य खो बैठा, धर्र-धर्र धड़कनें पुकारती रहीं, पर कान्हा की नजर न पड़ी। यह प्रेम का आलम है, जहाँ कुँवारी का मन साँवरिया के लिए तरसता, उनकी नटखट लीला में खोया, फिर भी भक्ति और प्रेम की डोर से बंधा, उनके दर्शन की आस में जीवित रहता है।

Bhajan  - Kanudo Ni Jane Mhari Preet
Singer - Nand Lal Bhat
Album - Live Nardhari
 
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