सारी दुनिया में गूंजे थारो नाम ओ खाटू वाला श्याम

सारी दुनिया में गूंजे थारो नाम ओ खाटू वाला श्याम जी

सारी दुनिया में गूंजे थारो नाम, ओ खाटू वाला श्याम जी,
निर्बल का बल, निर्धन का धन, थारो रुतबा न्यारो।
हारों की जीत करावे, बाबा श्याम हमारो,
बाबा दर्दी ने देवो आराम, ओ खाटू वाला श्याम जी।
सारी दुनिया में गूंजे थारो नाम, ओ खाटू वाला श्याम जी।।

जो कोई लेवे थारो आसरो, बैठो मौज उड़ावे,
खूंटी तान के सोवे, भे चिंता नहीं सतावे।
बिना बोले भी बढ़ाओ सारा काम, ओ खाटू वाला श्याम जी,
सारी दुनिया में गूंजे थारो नाम, ओ खाटू वाला श्याम जी।।

बिन पानी की नाव चलाओ, एसी है सिखलाई,
आंखा पड़के हर्ष भगत की, थैणी करो सुनवाई।
थारी देरी में भी रहै कोई ना काम, ओ खाटू वाला श्याम जी, 
सारी दुनिया में गूंजे थारो नाम, ओ खाटू वाला श्याम जी।।

 

 
Saari Duniya Mein Goonje Thaaro Naam O Khatuwala Shyam Ji
 
खाटू वाले श्याम का नाम सारी सृष्टि में गूंजता है, क्योंकि वह निर्बल का बल और निर्धन का धन हैं। उनका रुतबा अनुपम है, जो हारे हुए को जीत दिलाता है और दुखियों के दर्द को हर लेता है। जैसे मरुस्थल में ओस की बूँद प्यास बुझाती है, वैसे ही श्याम की कृपा भक्त के जीवन को सुख और शांति से भर देती है।

जो उनके भरोसे पर चलता है, वह चिंताओं से मुक्त होकर जीवन की मौज में रम जाता है। उनकी शरण में मन को ऐसी ठंडक मिलती है, जैसे थके यात्री को वृक्ष की छाँव। श्याम बिना साधन के भी नाव को पार लगाते हैं, हर पुकार को सुनते हैं, और भक्तों के कार्य बिना विलंब सिद्ध करते हैं। यह भक्ति का विश्वास है कि श्याम की शरण में हर असंभव संभव हो जाता है, और आत्मा को परम आनंद की प्राप्ति होती है।
 
इस भजन में श्रीश्यामजी की अपार महिमा, उनकी करुणा और भक्तों के प्रति उनकी असीम कृपा का भाव प्रकट किया गया है। श्रीश्यामजी केवल एक आराध्य नहीं, बल्कि वे निर्बल का बल, निर्धन का धन और असहायों के सच्चे सहारा हैं। जो कोई श्रद्धा से उनकी शरण में आता है, उसकी हर कठिनाई समाप्त हो जाती है और वह उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति का अनुभव करता है।

भजन का भाव यह दर्शाता है कि श्रीश्यामजी की भक्ति से ही जीवन में वास्तविक स्थिरता प्राप्त होती है। उनकी कृपा से भक्त न केवल सांसारिक कष्टों से मुक्त होता है, बल्कि वह आत्मिक संतोष का अनुभव करता है। उनकी उपासना से भक्त अपने भीतर विश्वास, प्रेम और समर्पण की भावना को जागृत करता है, जिससे वह जीवन के हर संकट को सहजता से पार कर सकता है।

खाटूधाम की महिमा और वहाँ की दिव्यता इस भजन में प्रकट होती है। श्रीश्यामजी की भक्ति से जो कोई उनकी शरण में आता है, वह उनका आशीर्वाद प्राप्त कर समस्त मानसिक और भौतिक कठिनाइयों से मुक्त हो जाता है। भक्तों की पुकार को सुनकर वे उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं और उन्हें जीवन में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

यह भजन संदेश देता है कि श्रीश्यामजी की कृपा से ही जीवन के समस्त तूफानों को पार किया जा सकता है। जब कोई सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, तब उसे उनका प्रेम और सुरक्षा प्राप्त होती है। यही इस भजन का दिव्य सार है—श्रद्धा, प्रेम और भक्ति से श्रीश्यामजी की कृपा को अनुभव करना और उनकी कृपा से जीवन को आनंदमय और शांत करना। यही भक्ति का सजीव स्वरूप है।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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