सुन ले ओ खाटू वाले दुनिया के है सताये

सुन ले ओ खाटू वाले दुनिया के है सताये

सुन ले ओ खाटू वाले दुनिया के है सताये,
सब ने रुलाया मुझको इक तू ही तो हसाये,
सुन ले ओ खाटू वाले दुनिया के है सताये,


जीवन की तकलीफो में कोई न काम आया,
समजा था जिसको भी अपना वोही देख मुस्कराया,
रिश्तो के रस्ते भी थे मुझको बंद पाये,
सुन ले ओ खाटू वाले दुनिया के है सताये,

तेरी दया से मोहन सुधरा है मेरा जीवन,
अमावस की काली रात को तूने किया है रोशन,
इस नव के चाँद तारे तुमसे ही जग मगाये,
सुन ले ओ खाटू वाले दुनिया के है सताये,

हारे हुए का तुम हो कलयुग में इक सहारा,
जिसने किया भरोसा जिसने तुझे पुकारा,
राजू सदा ही ऐसे गुण गान तेरा गाये,
सुन ले ओ खाटू वाले दुनिया के है सताये, 

सुन ले ओ खाटू वाले दुनिया के है सताये

सुन्दर भजन में एक गहरा भाव है—जीवन के संघर्षों में जब सब दूर चले जाते हैं, जब हर रास्ता बंद होता है, तब केवल ईश्वर की कृपा ही सच्चा आश्रय बनती है। संसार में स्वार्थ और छल की चादर फैली है, जहां अपनों का विश्वास भी डगमगा सकता है, लेकिन श्रीकृष्णजी की शरण वह स्थान है जहां कोई धोखा नहीं, केवल प्रेम और करुणा का प्रवाह है।

जब मनुष्य दुनिया के ताने-बाने में उलझता है, जब मोह और माया उसे भटकाती है, तब परमात्मा की कृपा अंधकार में प्रकाश की भांति मार्गदर्शन करती है। इस भजन में श्रद्धा की गहराई है—एक पुकार, जो केवल सांसारिक कष्टों की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि आत्मा की सच्ची खोज को उजागर करती है।

श्रीकृष्णजी की दया जीवन का अंधकार मिटाने वाली शक्ति है। जब सब कुछ अंधकारमय प्रतीत होता है, जब अमावस्या की रात घेर लेती है, तब उनकी कृपा सूरज की भांति जीवन को प्रकाशित करती है। केवल उनके चरणों में ही सच्चा संबल मिलता है, जहां भय समाप्त होता है और आशा पुनर्जीवित होती है।

यह भजन यह भी दर्शाता है कि ईश्वर की कृपा अनंत है—जो भी उनके प्रति सच्चा विश्वास रखता है, वह संकटों से पार पा सकता है। हर दुःख में प्रभु का नाम सहारा बन जाता है। जब हृदय पीड़ा से भरा हो, जब संसार ने पीठ फेर ली हो, तब श्रीकृष्णजी का स्मरण ही आंसुओं को सुखाकर सच्ची शांति प्रदान करता है।

इस भजन का सार यही है—संसार के छल-प्रपंचों में मत उलझो, प्रभु का नाम ही सच्चा साथी है। हर मुश्किल में, हर संकट में, केवल उनकी शरण में ही सच्ची राहत और आनंद मिलता है।
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