खाटू के श्याम बाबा मिला जब से तेरा सहारा

खाटू के श्याम बाबा मिला जब से तेरा सहारा

खाटू के श्याम बाबा मिला जब से तेरा सहारा,
दुःख दूर हो गये सब होता आराम से गुजारा,
खाटू के श्याम बाबा मिला जब से तेरा सहारा,

किरपा की जो न होती आदत तेरी पुराणी,
ये दुनिया फिर ना होती बाबा तेरी दीवानी,
अपनी शरण में जो लिया एहसान है तुम्हारा,
खाटू के श्याम बाबा मिला जब से तेरा सहारा,

बिगड़ी बनाने वाले लाखो को तूने तारा,
डूभी हुई नैया का बना तू ही खेवन हारा,
भवरो में अटकी नैया को दिया तूने किनारा,
खाटू के श्याम बाबा मिला जब से तेरा सहारा,

कोई नहीं है अपना सारा जग हुआ पराया,
संकट की हर घडी में बाबा काम तू ही आया,
रूभी रिधम कहे ये तु श्याम है हमारा
खाटू के श्याम बाबा मिला जब से तेरा सहारा,


खाटू के श्याम बाबा मिला जबसे तेरा सहारा | खाटू श्याम भजन | Kanchi Bhargav | Audio

सुन्दर भजन में श्याम बाबा के प्रति अटूट विश्वास और उनकी कृपा की महिमा दर्शाई गई है। यह जीवन के उतार-चढ़ाव में आश्रय देने वाले परमात्मा के प्रति समर्पण का भाव व्यक्त करता है।

जब जीवन में कष्ट और कठिनाइयाँ बढ़ती हैं, जब मनुष्य स्वयं को अकेला अनुभव करता है, तब ईश्वर की कृपा ही वास्तविक सहारा बनती है। संसार की अस्थायीता में जब कोई सच्चा साथी नहीं दिखता, तब श्याम बाबा की शरण ही जीवन को स्थिरता और शांति प्रदान करती है। यह स्मरण कराता है कि परमात्मा सदा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं, उनके दुःख हरते हैं और उन्हें सन्मार्ग दिखाते हैं।

यह भजन बताता है कि श्याम बाबा की कृपा केवल कुछ लोगों तक सीमित नहीं, बल्कि उन्होंने अनगिनत जीवों का उद्धार किया है। जीवन के संघर्षों में जब सब राहें बंद हो जाती हैं, जब नैया डगमगाने लगती है, तब श्रीकृष्णजी की कृपा ही उसे पार लगाती है। यह उनकी अनंत करुणा और शरणागत भक्तों के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।

यह भाव भी उजागर होता है कि संसार में कोई स्थायी नहीं—रिश्ते, बंधन और परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं। लेकिन जो सच्चा विश्वास श्याम बाबा में होता है, वही जीवन को संवारता है। जब सारे दरवाजे बंद दिखते हैं, तब उनके नाम में वह शक्ति होती है, जो नए मार्ग खोलती है और हर संकट से उबारती है।

भजन का सार यही है—जब सब छोड़ देते हैं, जब कोई सहारा नहीं दिखता, तब श्याम बाबा का नाम ही एकमात्र आश्रय बन जाता है। उनकी कृपा असीमित है, उनका प्रेम अपरंपार है, और उनकी शरण में ही सच्ची शांति और आनंद मिलता है।  
 
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