सुना है मेरे सांवरे तू हारे का है सहारा भजन

सुना है मेरे सांवरे तू हारे का है सहारा भजन

(मुखड़ा)
सुना है मेरे सांवरे, तू हारे का है सहारा।
दुनिया ने है ठुकराया, सबने मुझको रुलाया।
मैं जीवन की हार बाज़ी हार के आया हूँ।
अपनाले मेरे सांवरे, तेरे पास आया हूँ।।

(अंतरा)
तू जग का स्वामी, हारे का सहारा।
तुझसे ही बाबा सब का गुज़ारा।
तू वक़्त से पहले देता, किस्मत से भी ज़्यादा।
मैं हारी बाज़ी जीतने तेरे द्वार आया हूँ।
अपनाले मेरे सांवरे, तेरे पास आया हूँ।।

(अंतरा)
अखियाँ हैं तरसी, हूँ तरसा सुख को।
हिम्मत भी टूटी, देखे अपनी दुःख को।
जिस-जिस ने मौका पाया, सबने मुझको है रुलाया।
मैं दिल की टूटी तार बाबा जोड़ने आया हूँ।
अपनाले मेरे सांवरे, तेरे पास आया हूँ।।

(पुनरावृत्ति)
अपनाले मेरे सांवरे, तेरे पास आया हूँ।।
 


जब संसार ठुकरा दे और जीवन की हर बाजी हार जाए, तब सांवरे की शरण ही एकमात्र आश्रय है। वह हारे हुओं का सहारा है, जो न केवल समय से पहले, बल्कि किस्मत से भी अधिक देता है। जैसे सूखी धरती को बारिश जीवन देती है, वैसे ही सांवरे की कृपा टूटे मन को जोड़ती है और सुख की प्यास बुझाती है।

हृदय की टूटी तारों को जोड़ने, दुखों को मिटाने और हिम्मत को फिर से जगाने की शक्ति केवल उनके द्वार पर है। यह भक्ति का भाव है कि जो सच्चे मन से उनकी शरण में आता है, वह कभी खाली नहीं लौटता। सांवरे का आलिंगन ही वह ठिकाना है, जहाँ आत्मा को शांति, सुख और परम आनंद की प्राप्ति होती है।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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