मेरे श्याम धणी से नैन लडे भजन
एक रात में दो दो चांद खिले,
मेरे श्याम धणी से नैन लडे,
अब बैरी जमाना कुछ भी कहे,
नैना अब उनसे बातें करे,
नैनों से छलकता प्यार यहां ,
नहीं देखा हमने और कहीं,
सरवर सी गहराई इसमें,
जो डुबा ना उतरा पार कभी,
मेरे श्याम - - - -
नैना इनके हैं जादुगरे,
जादू जिस पर चल जाता है,
ना होश उसे फिर और कहां,
वो श्याम ही रटता जाता है,
मेरे श्याम - - - -
नैनों को नजर ये आता है,
कुछ और दिखाई ना देता,
श्याम से गहरी प्रीत जुडी,
उषा को जहां से क्या लेना,
मेरे श्याम - - - -
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