मोर-मुकुट सिर ऊपर सोहे, गल वैजंती माल पीताम्बर कटि बीच विराजे, मुरली अधर सुधार || देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार। वीणा ताल मृदंगी बाजे, बाजे झाँझ सितार खन-खन खन-खन नूपुर बाजे, कर-कंगन झनकार ||
krishana bhajan lyrics Hindi
देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार। सखियों के संग राधा नाचें, नाचें ब्रज की नार ग्वाल-बाल सब मिलकर नाचें, कर कर के सिंगार || देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार। जलचर मोहे थलचर मोहे, मोहे नभ संसार
ब्रह्मानन्द मुनीश्वर मोहे, मुरली धुन निर्धार || देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार।
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