संकट जब हम पर आए तो शिव शंभू

संकट जब हम पर आए तो शिव शंभू भजन

संकट जब हम पर आए तो,
शिव शंभू तुम आ जाना,
हम दुखियारों की ऐ भोले,
आकर लाज बचा जाना।।

पास नहीं है पैसा कोड़ी,
हम निर्धन हैं भोलेनाथ,
तुम जो यदि चाहो तो शिवजी,
बन सकती है ऐसी बात,
सपनों में ही आकर के तुम,
मुखड़ा कभी दिखला जाना,
हम दुखियारों की ऐ भोले,
आकर लाज बचा जाना।।

सारे जगत के ठुकराए हैं,
हम सब ग़म के मारे हैं,
दुख के बादल छाए हुए हैं,
चारों तरफ अंधियारे हैं,
रहमत की बदली आकर के,
हर आंगन में बरसाना,
हम दुखियारों की ऐ भोले,
आकर लाज बचा जाना।।

तेरे अलावा और हम भोले,
किससे जा फरियाद करें,
कष्ट और संकट की घड़ियों में,
तुझे ही हम तो याद करें,
दूर करो सब संकट सारे,
धीरज हमें बंधा जाना,
हम दुखियारों की ऐ भोले,
आकर लाज बचा जाना।।

द्वार खड़े हैं दास तुम्हारे,
हे शिव शंभू कैलाशी,
विनती इनकी सुन लो भगवान,
तेरी बड़ी कृपा होगी,
बस इतनी विनती है भगवान,
भक्तों को न भुला देना,
हम दुखियारों की ऐ भोले,
आकर लाज बचा जाना।।

संकट जब हम पर आए तो,
शिव शंभू तुम आ जाना,
हम दुखियारों की ऐ भोले,
आकर लाज बचा जाना।।


संकट जब हम पर आये तो..शिव शम्भू तुम आ जाना | Superhit Shiv Bhajan | Shiv Bhajan | Bholenath Bhajan

संकट के समय में शिव शंभू की शरण में जाना ही अंतिम आश्रय और सुरक्षा का मार्ग है। वे केवल एक देवता नहीं, बल्कि समस्त त्रिलोकों के कर्ता-धर्ता हैं, जो अपने भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। जब जीवन में अंधकार घेर लेता है, धन-संपत्ति का अभाव और सामाजिक तिरस्कार मन को थका देता है, तब शिव की कृपा से ही मनुष्य को नई ऊर्जा और साहस मिलता है।

शिव शंभू की महिमा इस बात में है कि वे प्रकृति और संसार की सीमाओं से परे हैं, शंकाओं और संदेहों से मुक्त हैं। उनकी शरण में आने से सभी भय, पीड़ा और संकट समाप्त हो जाते हैं। वे अपने भक्तों के लिए दयालु और करुणामय हैं, जो बिना भेदभाव के हर मनुष्य की विनती सुनते हैं और उसकी रक्षा करते हैं। यह भक्ति केवल पूजा तक सीमित नहीं, बल्कि एक गहरा आत्मीय संबंध है, जहाँ भक्त अपने समस्त दुःखों को शिव के चरणों में समर्पित कर देता है।

शिव शंभू की कृपा से मनुष्य का भवसागर पार हो जाता है, और जीवन में स्थिरता, शांति और आनंद का वास होता है। वे अपने भक्तों को अकेला नहीं छोड़ते, बल्कि हर संकट में उनके साथ खड़े रहते हैं। इस शरण में आकर मनुष्य को धैर्य मिलता है, जो उसे विपरीत परिस्थितियों में भी अडिग बनाए रखता है।

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