ॐ नमः शिवाय हरी ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय हरी ॐ नमः शिवाय भजन
ॐ नमः शिवाय हरी ॐ नमः शिवाय
शिव संभु का महामंत्र है मुक्ति का उपाय
जब जब डोले जीवन नैया, शिव की महिमा गावो
सारे जग के वो है खिवैया, शिव की शरण में आवो
संकट छाये कष्ट रुलाये जब जब जी घबराये,
कहो ॐ नमः शिवाये …
सबसे प्यारे सबसे न्यारे बाबा भोले भाले है
भांग धतूरे की मस्ती में रहते मस्त निराले हैं
बम बम भोले कहते जावो जी दम आये जाये,
हरी ॐ नमः शिवाय…
आधा चंद माथे सोहे गाल सर्पो की माला है
तेज धारी के तेज़ से पाए सूरज चाँद उजाला
डम डम बोले शिव का डमरू सातो स्वर दोहराये,
हरी ॐ नमः शिवाय…
विपता आई राम पे भारी शिव शंकर का जाप किया
बजरंगी की शक्ति बनकर राम का शिव ने साथ दिया
रामेश्वर की पूजा करके राम यही फरमाये
हरी ॐ नमः शिवाय…
शिव संभु का महामंत्र है मुक्ति का उपाय
जब जब डोले जीवन नैया, शिव की महिमा गावो
सारे जग के वो है खिवैया, शिव की शरण में आवो
संकट छाये कष्ट रुलाये जब जब जी घबराये,
कहो ॐ नमः शिवाये …
सबसे प्यारे सबसे न्यारे बाबा भोले भाले है
भांग धतूरे की मस्ती में रहते मस्त निराले हैं
बम बम भोले कहते जावो जी दम आये जाये,
हरी ॐ नमः शिवाय…
आधा चंद माथे सोहे गाल सर्पो की माला है
तेज धारी के तेज़ से पाए सूरज चाँद उजाला
डम डम बोले शिव का डमरू सातो स्वर दोहराये,
हरी ॐ नमः शिवाय…
विपता आई राम पे भारी शिव शंकर का जाप किया
बजरंगी की शक्ति बनकर राम का शिव ने साथ दिया
रामेश्वर की पूजा करके राम यही फरमाये
हरी ॐ नमः शिवाय…
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
ॐ नमः शिवाय हरी ॐ नमः शिवाय मंत्र जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। यह पंचाक्षर मंत्र शिव शंभू की महिमा का संक्षिप्त रूप है, जिसमें पाँच अक्षर-"न", "मः", "शि", "वा", "य"-सृष्टि के पाँच तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं: पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। इस मंत्र के उच्चारण से मन और आत्मा में शांति, स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।जीवन की नैया जब डोले, जब संकट और कष्ट घेर लें, तब इस मंत्र का जाप मन को धैर्य और साहस प्रदान करता है। शिव शंभू, जो भोलेनाथ के नाम से भी विख्यात हैं, अपने भक्तों के लिए संकटों का निवारण करने वाले दयालु और करुणामय स्वरूप हैं। उनके डमरू की धुन और चंद्रमा से सुसज्जित मस्तक की छवि उनकी अनंत शक्ति और शांति का प्रतीक है। उनके नाम का जाप जीवन के अंधकार में उजाले की तरह काम करता है, जो भय और पीड़ा को दूर करता है।
राम नाम के साथ शिव शंभू की महिमा जुड़ी हुई है, जहाँ शिव ने राम के संकटों में उनकी सहायता की और भक्तों को भवसागर से पार लगाया। यह दर्शाता है कि शिव शंभू न केवल स्वयं एक परम शक्ति हैं, बल्कि वे अन्य देवताओं के साथ मिलकर भी भक्तों की रक्षा करते हैं।