(मुखड़ा) माँगा है मैंने मैया से, वरदान एक ही, तेरी कृपा बनी रहे, जब तक है ज़िंदगी।।
(अंतरा) जिस पर भी माँ का हाथ था, वो पार हो गया, जो भी शरण में आ गया, उद्धार हो गया, जिसका भरोसा मैया पर, डूबा कभी नहीं, तेरी कृपा बनी रहे, जब तक है ज़िंदगी।।
कोई समझ सका नहीं, माया बड़ी अजीब, जिसने भी माँ को पा लिया, है वो ही खुशनसीब, मैया की मर्ज़ी के बिना, पत्ता हिलें नहीं, तेरी कृपा बनी रहे, जब तक है ज़िंदगी।।
ऐसी दयालु मैया से, रिश्ता बनाइए, मिलता रहेगा आपको, जो कुछ भी चाहिए, ऐसा करिश्मा होगा जो, पहले हुआ नहीं, तेरी कृपा बनी रहे, जब तक है ज़िंदगी।।
कहते हैं लोग, ज़िंदगी, किस्मत की बात है, किस्मत बनाना भी मगर, मैया के हाथ है, ‘बनवारी’ कर ले तू यकीन, ज्यादा समय नहीं, तेरी कृपा बनी रहे, जब तक है ज़िंदगी।।
(अंतिम पुनरावृत्ति) माँगा है मैंने मैया से, वरदान एक ही, तेरी कृपा बनी रहे, जब तक है ज़िंदगी।।
किसी वरदान से कम मत समझना इस भजन को | Mata Ke Bhajan | Mata Rani Ke Bhajan | Saurabh Madhukar