नाता तुम श्याम से जोड़ो भजन
नाता तुम श्याम से जोड़ो भजन
खाटू जाकर देख ले,झुकती दर पे दुनिया सारी,
बिगड़ी हुई वहां बनती,
मिटती है हर लाचारी।
नाता तुम श्याम से जोड़ों,
मुश्किलों को पल में हर लेगा,
चिंता तुम श्याम प्यार छोड़ो,
जिंदगी को सुखमय कर देगा,
नाता तुम श्याम से जोड़ों,नाता तुम श्याम से जोड़ों।
सोच रहा क्या ओ दीवाने,
श्याम की महिमा को, तू क्या जाने,
लाखो की किस्मत को,
सेठ श्याम ने बदला,
नाता तुम श्याम से जोड़ों,
नाता तुम श्याम से जोड़ों।
श्याम रिझाले ओ मतवाले,
जीवन अपना तू सफल बनाले,
लाखों की बगिया को,
सेठ श्याम ने सिचा,
नाता तुम श्याम से जोड़ों,
नाता तुम श्याम से जोड़ों।
श्याम हवाले कर दे नैया,
हर्ष बनेगा तेरा खिवैया,
लाखो की कश्ती को,
सेठ श्याम ने तारा,
नाता तुम श्याम से जोड़ों,
नाता तुम श्याम से जोड़ों।
नाता तुम श्याम से जोड़ों,
मुश्किलों को पल में हर लेगा,
चिंता तुम श्याम प्यार छोड़ो,
जिंदगी को सुखमय कर देगा,
नाता तुम श्याम से जोड़ों,
नाता तुम श्याम से जोड़ो
सुन्दर भजन “नाता तुम श्याम से जोड़ो” में खाटू श्याम जी के प्रति भक्त की गहरी श्रद्धा और उनके साथ नाता जोड़ने की प्रेरणा का उत्साहपूर्ण चित्रण है। श्रीकृष्ण के सांवरिया रूप, खाटू श्याम, का दरबार वह पावन स्थल है, जहाँ सारी दुनिया झुकती है, बिगड़ी बातें बनती हैं, और हर लाचारी मिट जाती है। भक्त को श्याम से नाता जोड़ने का आह्वान किया गया है, जो मुश्किलों को पल में हर लेते हैं और जीवन को सुखमय बनाते हैं। जैसे सूरज की किरणें अंधेरे को दूर करती हैं, वैसे ही श्याम का प्रेम भक्त के जीवन को आनंद और शांति से भर देता है। यह उद्गार सिखाता है कि श्याम बाबा के साथ अटूट रिश्ता जोड़ना ही जीवन की हर समस्या का समाधान है।
भजन में श्याम की महिमा का बखान है, जिन्होंने लाखों की किस्मत बदली, उनकी बगिया को सींचा, और उनकी कश्ती को पार लगाया। भक्त को दीवाने और मतवाले कहकर प्रेरित किया गया है कि वह श्याम को रिझाए और जीवन को सफल बनाए। श्याम को नैया का खिवैया मानकर भक्त अपनी चिंताएँ उन्हें सौंप देता है, यह विश्वास रखते हुए कि वे हर मुश्किल में साथ देंगे। जैसे नदी समुद्र में मिलकर पूर्ण होती है, वैसे ही श्याम के साथ नाता जोड़कर भक्त का जीवन सार्थक और सुखमय हो जाता है। यह भाव दर्शाता है कि खाटू श्याम का दर वह ठिकाना है, जहाँ सच्ची भक्ति और प्रेम से हर मनोकामना पूरी होती है, और जीवन की हर उलझन का अंत होता है।
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