तेरे दरबार में दाता बड़ा आराम
तेरे दरबार में दाता बड़ा आराम मिलता है
तेरे दरबार में दाता बड़ा आराम मिलता है
तेरे दरबार में दाता बड़ा आराम मिलता है,
गम ही गम जमाने में यहाँ पर प्यार मिलता है,
बहुत चौखट तो है देखी,
मगर तुझसी नहीं देखी,
बिगडे नसीब थे जिनके,
खुली किस्मत यहां देखी,
पहली ये बार नहीं दाता मैंने हरबार देखा है
तेरे दरबार में............
दयालु तुझसा ना पाया,
झोली फैलाके देखा था,
मिली भिक्षा हमें तुमसे,
लुटाते प्यार देखा था,
प्यार नजरों में हे बाबा हमने बेशुमार देखा था,
तेरे दरबार में............
गले तुमने लगाया है,
अपना हमको बनाया है,
तेरे ही प्यार में हमने,
सारी खुशियों को पाया है,
उषा से तोड ना देना जो रिश्ता ये बनाया है
तेरे दरबार में............
तेरे दरबार में दाता बड़ा आराम मिलता है,
गम ही गम जमाने में यहाँ पर प्यार मिलता है,
बहुत चौखट तो है देखी,
मगर तुझसी नहीं देखी,
बिगडे नसीब थे जिनके,
खुली किस्मत यहां देखी,
पहली ये बार नहीं दाता मैंने हरबार देखा है
तेरे दरबार में............
दयालु तुझसा ना पाया,
झोली फैलाके देखा था,
मिली भिक्षा हमें तुमसे,
लुटाते प्यार देखा था,
प्यार नजरों में हे बाबा हमने बेशुमार देखा था,
तेरे दरबार में............
गले तुमने लगाया है,
अपना हमको बनाया है,
तेरे ही प्यार में हमने,
सारी खुशियों को पाया है,
उषा से तोड ना देना जो रिश्ता ये बनाया है
तेरे दरबार में............
सुन्दर भजन “तेरे दरबार में दाता बड़ा आराम मिलता है” में खाटू श्याम जी के दरबार की अपार महिमा और श्रीकृष्ण के सांवरिया रूप की कृपा का हृदयस्पर्शी चित्रण है। श्याम बाबा का दर वह पावन स्थल है, जहाँ भक्त को गमों भरे जमाने में प्यार और सुकून मिलता है। अन्य चौखटों से अलग, यहाँ बिगड़े नसीब संवरते हैं और किस्मत के ताले खुलते हैं। भक्त बार-बार इस चमत्कार को देखकर अभिभूत है, जैसे एक प्यासा नदी के किनारे तृप्त हो जाता है। यह उद्गार सिखाता है कि श्याम बाबा की शरण में सच्ची भक्ति से हर दुख मिटता है और हृदय प्रेम से भर जाता है।
भक्त श्याम को सबसे दयालु दाता मानता है, जिनकी झोली में अनमोल भिक्षा और असीम प्यार मिलता है। उनकी नजरों में बेशुमार प्रेम देखकर भक्त का मन कृतज्ञता से झुक जाता है। श्याम बाबा ने भक्त को गले लगाकर अपना बनाया, जिससे उसने सारी खुशियाँ पाईं। वह प्रार्थना करता है कि यह प्यार का रिश्ता कभी न टूटे। जैसे चंदन की सुगंध हर दिशा को महकाती है, वैसे ही श्याम का दरबार भक्तों के जीवन को शांति, सुख और प्रेम से परिपूर्ण करता है। यह भाव दर्शाता है कि खाटू श्याम का दर वह ठिकाना है, जहाँ हर पुकार सुनी जाती है और जीवन आनंदमय हो जाता है।
भक्त श्याम को सबसे दयालु दाता मानता है, जिनकी झोली में अनमोल भिक्षा और असीम प्यार मिलता है। उनकी नजरों में बेशुमार प्रेम देखकर भक्त का मन कृतज्ञता से झुक जाता है। श्याम बाबा ने भक्त को गले लगाकर अपना बनाया, जिससे उसने सारी खुशियाँ पाईं। वह प्रार्थना करता है कि यह प्यार का रिश्ता कभी न टूटे। जैसे चंदन की सुगंध हर दिशा को महकाती है, वैसे ही श्याम का दरबार भक्तों के जीवन को शांति, सुख और प्रेम से परिपूर्ण करता है। यह भाव दर्शाता है कि खाटू श्याम का दर वह ठिकाना है, जहाँ हर पुकार सुनी जाती है और जीवन आनंदमय हो जाता है।