राणा जी अब न रहूंगी तोर हठ की लिरिक्स Rana Ji Ab Na Rahungi Tor Hath Ki Lyrics

राणा जी अब न रहूंगी तोर हठ की लिरिक्स Rana Ji Ab Na Rahungi Tor Hath Ki Lyrics Meera Bhajan

मीरा बाई भजन संग्रह

राणा जी अब न रहूंगी तोर हठ की
राणा जी...हे राणा जी
राणा जी अब न रहूंगी तोर हठ की

साधु संग मोहे प्यारा लागे
लाज गई घूंघट की
हार सिंगार सभी ल्यो अपना
चूड़ी कर की पटकी

महल किला राणा मोहे न भाए
सारी रेसम पट की
राणा जी... हे राणा जी
जब न रहूंगी तोर हठ की

भई दीवानी मीरा डोले
केस लटा सब छिटकी
राणा जी... हे राणा जी!
अब न रहूंगी तोर हठ की।


(हटकी=रोकी हुई, साध=साधु, सुरत-निरत=स्मरण
और नृत्य,सन्त-मत की प्रमुख साधना के दो अंग,
मुकुर=शीशा, घट=हृदय, पट=कपड़ा)
 
राणा जी अब न रहूंगी तेरी हटकी (मीरा जी)
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1 Comments
  • Unknown
    Unknown 1/10/2022

    Eski vyakhya bhi kr dete please

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