लागी सोही जाणै कठण लगन दी पीर लिरिक्स Laagi Sohi Jaane Kathan Lyrics

लागी सोही जाणै कठण लगन दी पीर लिरिक्स Laagi Sohi Jaane Kathan Lyrics मीरा भजन

लागी सोही जाणै, कठण लगन दी पीर।।टेक।।
विपत पड्याँ कोई निकटि न आवै, सुख में, सब को सीर।
बाहरि घाव कछू नहिं दीसै, रोम रोम दी पीर।
जन मीराँ गिरधर के उपर, सदकै करूँ सरीर।।
Laagee Sohee Jaanai, Kathan Lagan Dee Peer..tek..
Vipat Padyaan Koee Nikati Na Aavai, Sukh Mein, Sab Ko Seer.
Baahari Ghaav Kachhoo Nahin Deesai, Rom Rom Dee Peer.
Jan Meeraan Giradhar Ke Upar, Sadakai Karoon Sareer.. 

(कठण=कठिन, लगण दी=प्रेम की, पीर=पीड़ा, सीर=हिस्सा दीसै=दिखाई देता है, सदकै=न्यौछावर)
 
 
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