सखी आपनो दाम खोटो लिरिक्स

सखी आपनो दाम खोटो लिरिक्स

सखी आपनो दाम खोटो दोस काहां कुबज्याकू॥टेक॥
कुबजा दासी कंस रायकी। दराय कोठोडो॥१॥
आपन जाय दुबारका छाय। कागद हूं कोठोडो॥२॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। कुबजा बडी हरी छोडो॥३॥


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