साँवरिया म्हाँरी प्रीतड़ली न्हिभाज्यो लिरिक्स Sanwariya Mhari Preetadali Nibhajyo Lyrics

साँवरिया म्हाँरी प्रीतड़ली न्हिभाज्यो लिरिक्स Sanwariya Mhari Preetadali Nibhajyo Lyrics मीरा भजन

साँवरिया, म्हाँरी प्रीतड़ली न्हिभाज्यो ।।टेक।।
प्रीत करो तो स्वामी ऐसी कीज्यो, अधबिच पत छिटकाज्यो।
तुम तो स्वामी गुण रा सागर, म्हाँरा ओगुण चित मति लाज्यो।
काया गढ़ घेरा ज्यों पड़्या छे, ऊपर आपर खाज्यो।
मीराँ के प्रभु गिरिधरनागर, चित्त रखाज्यो।।
(सांवरिया=कृष्ण, प्रीतड़ली=प्रीत, न्हिभाज्यो=
निभाओ, छिटकाज्यो=दूर हटाओ, गुण रा सागर=
गुणों के सागर, ओगुण=अवगुण,दोष, चित मति
लाज्यो=ध्यान मत दो, काया=शरीर, गढ़=किला)



Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url