सइयाँ तुम बिनि नींद न आवै हो भजन

सइयाँ तुम बिनि नींद न आवै हो लिरिक्स

सइयाँ तुम बिनि नींद न आवै हो।
पलक पलक मोहि जुगसे बीतै, छिनि छिनि विरह जरावै हो।
प्रीतम बिनि तिम जाइ न सजनी, दीपक भवन न भावै हो।
फूलन सेज सूल होइ लागी जागत रैण बिहावै हो।
कासूँ कहूँ कुण मानै मेरी, कह्याँ न को पतियावै हो।
प्रीतम पनंग डस्यो कर मेरो, लहरि लहरि जिव जावै हो।
दादर मोर पपइया बोलै, कोइल सबद सुणावै हो।
उमिग घटा घन ऊलरि आई, बीजू चमक डरावै हो।
है कोई जग में राम सनेही, ऐ उरि साल मिटावै हो।
मीराँ के प्रभु हरि अबिनासी, नैणाँ देख्याँ भावै हो।।

(तिम=अन्धकार, सूल=काँटे, पतियावै=विश्वास करना, पनंग=पन्नग,सर्प, दादर=दादुर,मेंढक, साल=दुःख)

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