काना तोरी घोंगरीया पहरी मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

काना तोरी घोंगरीया पहरी मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

काना तोरी घोंगरीया पहरी
 काना तोरी घोंगरीया पहरी होरी खेले किसन गिरधारी॥१॥
जमुनाके नीर तीर धेनु चरावत खेलत राधा प्यारी॥२॥
आली कोरे जमुना बीचमों राधा प्यारी॥३॥
मोर मुगुट पीतांबर शोभे कुंडलकी छबी न्यारी॥४॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर चरनकमल बलहारी॥५॥
काना तोरी घोंगरीया पहरी होरी खेले किसन गिरधारी॥१॥
जमुनाके नीर तीर धेनु चरावत खेलत राधा प्यारी॥२॥
आली कोरे जमुना बीचमों राधा प्यारी॥३॥
मोर मुगुट पीतांबर शोभे कुंडलकी छबी न्यारी॥४॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर चरनकमल बलहारी॥५॥  

शाम बतावरे मुरलीवाला ॥ध्रु०॥
मोर मुगुट पीताबंर शोभे । भाल तिलक गले मोहनमाला ॥१॥
एक बन धुंडे सब बन धुंडे । काहां न पायो नंदलाला ॥२॥
जोगन होऊंगी बैरागन होऊंगी । गले बीच वाऊंगी मृगछाला ॥३॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर । माग लीयो प्रीयां प्रेमको माला ॥४॥

आई ती ते भिस्ती जनी जगत देखके रोई ।
मातापिता भाईबंद सात नही कोई ।
मेरो मन रामनाम दुजा नही कोई ॥ध्रु०॥
साधु संग बैठे लोक लाज खोई । अब तो बात फैल गई ।
जानत है सब कोई ॥१॥
आवचन जल छीक छीक प्रेम बोल भई । अब तो मै फल भई ।
आमरूत फल भई ॥२॥
शंख चक्र गदा पद्म गला । बैजयंती माल सोई ।
मीरा कहे नीर लागो होनियोसी हो भई ॥३॥
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