प्रभु बिनि ना सरै माई लिरिक्स Prabhu Bin Na Sare Mayi Lyrics

प्रभु बिनि ना सरै माई लिरिक्स Prabhu Bin Na Sare Mayi Lyrics मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

प्रभु बिनि ना सरै माई
प्रभु बिनि ना सरै माई।
मेरा प्राण निकस्या जात, हरी बिन ना सरै माई।।टेक।।
कमठ दादुर बसत जल में, जल से उपजाई।
मीन जल से बाहर कीना, तुरत मर जाई।
काठ लकरी बन परी, काठ घुन खाई।
ले अगन प्रभु डार आये, भसम हो जाई।
बन बन ढूँढत मैं फिरी, आली सुधि नहीं पाई।
एक बेर दरसण दीजै, सब कसर मिटि जाई।
पात ज्यूँ पीरी परी, अरू बिपत तन छाई।
दासी मीराँ लाल गिरधर, मिल्याँ सुख छाई।।

(सरे=सफल होना,काम चलाना, कमठ=कछुवा, कसर=कमी, पात=पत्ता)
 
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तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर।
हम चितवत तुम चितवत नाहीं
मन के बड़े कठोर।
मेरे आसा चितनि तुम्हरी
और न दूजी ठौर।
तुमसे हमकूँ एक हो जी
हम-सी लाख करोर।।
कब की ठाड़ी अरज करत हूँ
अरज करत भै भोर।
मीरा के प्रभु हरि अबिनासी
देस्यूँ प्राण अकोर।।

छोड़ मत जाज्यो जी महाराज॥
मैं अबला बल नायं गुसाईं, तुमही मेरे सिरताज।
मैं गुणहीन गुण नांय गुसाईं, तुम समरथ महाराज॥
थांरी होयके किणरे जाऊं, तुमही हिबडा रो साज।
मीरा के प्रभु और न कोई राखो अबके लाज॥

आवो सहेल्या रली करां हे, पर घर गावण निवारि।
झूठा माणिक मोतिया री, झूठी जगमग जोति।
झूठा सब आभूषण री, सांचि पियाजी री पोति।
झूठा पाट पटंबरारे, झूठा दिखणी चीर।
सांची पियाजी री गूदडी, जामे निरमल रहे सरीर। 

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