मैं तो सांवरे के रंग राची लिरिक्स
मैं तो सांवरे के रंग राची।
साजि सिंगार बांधि पग घुंघरू, लोक-लाज तजि नाची।।
गई कुमति, लई साधुकी संगति, भगत, रूप भै सांची।
गाय गाय हरिके गुण निस दिन, कालब्यालसूँ बांची।।
उण बिन सब जग खारो लागत, और बात सब कांची।
मीरा श्रीगिरधरन लालसूँ, भगति रसीली जांची।।
माई साँवरे रंग राँची।।टेक।।
साज सिंगार बाँध पग घूंघर, लोकलाज तज नाँची।
गयाँ कुमत लयाँ साधाँ, सँगत, श्याम प्रीत जग साँची।
गायाँ गायाँ हरि गुण निसदिन, काल ब्याल री बाँची।
श्याम बिणआ जग खाराँ लागाँ जगरी बाताँ काँची।
मीरां सिरी गिरधर नट नागर, भगति रसीली जाँची।।
(रांची=रंग गई, कुमत=कुबुद्धि,दुर्मति, लयां=लेकर, सांची=सच्ची, ब्याल=सर्प, बांची=बच गई, खारा= निस्सार, कांची= कच्ची,नश्वर, रसीली=रसपूर्ण,आनंद से भरी हुई, जांची=देखी)
मै तो सावरे रंग राची / देवकी पंडित / Live in Concert