जोगिया ने कहज्यो जी आदेस लिरिक्स
जोगिया ने कहज्यो जी आदेस
जोगिया ने कहज्यो जी आदेस।।टेक।।
जोगियो चतुर सुजाण सजनी, ध्यावै संकर सेस।
आऊंगी में नाह रहूँगी (रे म्हारा) पीव बिना परदेस।
करि करिपा प्रतिपाल मो परि, रखो न आपण देस।
माला मुदरा मेखला रे बाला, खप्पर लूँगी हाथ।
जोगिण होई जुग ढूँढसूँ रे, म्हाँरा रावलियारी साथ।
सावण आबण कह गया बाला, कर गया कौल अनेक।
गिणता-गिणता घँस गई रे, म्हाँरा आँगलिया रेख।
पीव कारण पीली पड़ी बाला, जोबन बाली बेस।
दास मीराँ राम भजि कै, तन मन कीन्हीं पेस।।
(आदेस=प्रार्थना,बिनती, ध्यावै=ध्यान करते हैं,
संकर=शंकर,महादेव, सेस=शेषनाग, प्रतिपाल=अनुगर्ह,
कृपा, मुदरा=मुद्रा,योगियों का एक आभूषण, मेखला=
करधनी,तड़ागी, बाला=बल्लभ,प्रियतम, रावलियारी=
अपने राजा के, कौल=वचन, आंगलिया=अंगुली की,
रेख=रेखायें, बाली=नवीन,नई, पेस=पेश,समर्पित)
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