जोगिया जी आज्यो जी इण देस लिरिक्स
जोगिया जी आज्यो जी इण देस
जोगिया जी आज्यो जी इण देस।।टेक।।
नैणज देखूँ नाथ नै धाइ करूँ आदेस।
आया सावण भादवा भरीया जल थल ताल।
रावल कुण बिलमाई राखो, बिरहनि है बेहाल।
बरस्या बौहो दिन भया बल बरस्यौ पलक न जाई।
एक बेरी देह फेरी, नगर हमारे आइ।
वा मूरति म्हारे मन बसे छिन भरि रह्योइ न जाइ।
मीराँ के कोयई नाहिं दूजो, दरसण दीज्यौं आइ।।
(इण=इस, नैणज=नैनों से, आदेस=आदेश,निवेदन,
रावल=प्रियतम को, कुण=किसने, बिलमाई=रोक लिया,
बेहाल=अत्यंत दुखी, बरस्या=बिछुड़े हुए, बौहो=बहुत,
बल=अब, बरस्यौ=बिछड़ना, बेरी=बार)
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