पिया मोहिं दरसण दीजै हो लिरिक्स Piya Mohi Darsan Deeje Lyrics

पिया मोहिं दरसण दीजै हो लिरिक्स Piya Mohi Darsan Deeje Lyrics मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

पिया मोहिं दरसण दीजै, हो
पिया मोहिं दरसण दीजै, हो।
बेर बेर में टेरहूँ, अहे क्रिया कीजै, हो।।टेक।।
जेठ महीने जल बिना, पंछी दुख होई, हो।
मोर आसाढ़ा कुरलहे, धन चात्रग सोई, हो।
सावण में झड़ गालियो, सखि तीजाँ केलै, हो।
भादवै नदिया बहै, दूरी जिन मेलै, हो।
सीप स्वाति ही भेलती, आसोजाँ सोई, हो।
देव काती में पूजहे, मेरे तुम होई, हो।
मगसर ठंड बहोंती पड़ै, मोहि बेगि सम्हालो हो।
पोस मही पाल घणा, अबही तुम न्हालो हो।
महा महीं बसंत पंचमी, फागाँ सब गावै हो।
फागुण फागा खेल है, बणराइ जरावै हो।
चैत चित्त में ऊपजी, दरसण तुम दीजे हो।
बैसाख बणराइ फलवै, कोइल कुरलीजै, हो।
काग उडावन दिय गाय, बूनूँ पिडत जोसी हो।
मीराँ बिरहणि व्याकुली, दरसण कब होसी हो।।

(बेर बेर=बार-बार, अहे=अब, कुरलहे=करुण शब्द करते हैं, सोई=उसी प्रकार का करुण शब्द, आसोजां=क्यार मास, काती=कार्तिक, मगसर=अगहन, न्हालो=आकर देख लो, माह=माह,मास, फागाँ=होली के गीत.
बणराइ=बनरजा,वसन्त ऋतु, ऊपजी=इच्छा उत्पन्न हुई, कुरलीजै=करुण शब्द करती है, पिडत=पंडित, जोसी=ज्योतिषी)
 
----------------------

कान्हो काहेकूं मारो मोकूं कांकरी, कांकरी कांकरी कांकरीरे॥ध्रु०॥
गायो भेसो तेरे अवि होई है। आगे रही घर बाकरीरे॥ कानो॥१॥
पाट पितांबर काना अबही पेहरत है। आगे न रही कारी घाबरीरे॥ का०॥२॥
मेडी मेहेलात तेरे अबी होई है। आगे न रही वर छापरीरे॥ का०॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। शरणे राखो तो करूं चाकरीरे॥ कान०॥४॥

कायकूं देह धरी भजन बिन कोयकु देह गर्भवासकी
त्रास देखाई धरी वाकी पीठ बुरी॥ भ०॥१॥
कोल बचन करी बाहेर आयो अब तूम भुल परि॥ भ०॥२॥
नोबत नगारा बाजे। बघत बघाई कुंटूंब सब देख ठरी॥ भ०॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। जननी भार मरी॥ भ०॥४॥

कारे कारे सबसे बुरे ओधव प्यारे॥ध्रु०॥
कारेको विश्वास न कीजे अतिसे भूल परे॥१॥
काली जात कुजात कहीजे। ताके संग उजरे॥२॥
श्याम रूप कियो भ्रमरो। फुलकी बास भरे॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। कारे संग बगरे॥४॥ 

+

एक टिप्पणी भेजें