जगमाँ जीवणा थोड़ा कुणे लयां भवसार लिरिक्स Jagma Jivana Thoda Lyrics मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics
जगमाँ जीवणा थोड़ा कुणे लयां भवसार
जगमाँ जीवणा थोड़ा कुणे लयां भवसार।।टेक।।
मात पिता जग जन्म दियां री, करम दियां करतार।
खायाँ खरचाँ जीवण जावाँ, कोई कर्या उपकार।
मात पिता जग जन्म दियां री, करम दियां करतार।
खायाँ खरचाँ जीवण जावाँ, कोई कर्या उपकार।
साधो संगत हरिगुण गास्या और णा म्हारी लार।
मीराँ रे प्रभु गिरधरनागर, थें बल उतर्या पार।।
मीराँ रे प्रभु गिरधरनागर, थें बल उतर्या पार।।
(जगमाँ=जग में, कुणे=किस लिए, भवसागर= संसार का बोध,मोह-ममता आदि का अनुराग, करम=भाग्य, करतार=ईश्वर)
---------------------------हरि गुन गावत नाचूंगी॥
आपने मंदिरमों बैठ बैठकर। गीता भागवत बाचूंगी॥१॥
ग्यान ध्यानकी गठरी बांधकर। हरीहर संग मैं लागूंगी॥२॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। सदा प्रेमरस चाखुंगी॥३॥
तो सांवरे के रंग राची।
साजि सिंगार बांधि पग घुंघरू, लोक-लाज तजि नाची।।
गई कुमति, लई साधुकी संगति, भगत, रूप भै सांची।
गाय गाय हरिके गुण निस दिन, कालब्यालसूँ बांची।।
उण बिन सब जग खारो लागत, और बात सब कांची।
मीरा श्रीगिरधरन लालसूँ, भगति रसीली जांची।।
अपनी गरज हो मिटी सावरे हम देखी तुमरी प्रीत॥ध्रु०॥
आपन जाय दुवारका छाय ऐसे बेहद भये हो नचिंत॥ ठोर०॥१॥
ठार सलेव करित हो कुलभवर कीसि रीत॥२॥
बीन दरसन कलना परत हे आपनी कीसि प्रीत।
मीरां के प्रभु गिरिधर नागर प्रभुचरन न परचित॥३॥