मेरी गेंद चुराई लिरिक्स मीरा बाई पदावली Meri Gend Churayi Lyrics

मेरी गेंद चुराई लिरिक्स मीरा बाई पदावली Meri Gend Churayi Lyrics

मेरी गेंद चुराई
मेरी गेंद चुराई। ग्वालनारे॥टेक॥
आबहि आणपेरे तोरे आंगणा। आंगया बीच छुपाई॥१॥
ग्वाल बाल सब मिलकर जाये। जगरथ झोंका आई॥२॥
साच कन्हैया झूठ मत बोले। घट रही चतुराई॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलजाई॥४॥

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हरि गुन गावत नाचूंगी॥
आपने मंदिरमों बैठ बैठकर। गीता भागवत बाचूंगी॥१॥
ग्यान ध्यानकी गठरी बांधकर। हरीहर संग मैं लागूंगी॥२॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। सदा प्रेमरस चाखुंगी॥३॥
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