इतनी किरपा मैया जी बनाए रखना भजन

इतनी किरपा मैया जी बनाए रखना भजन

 (मुखड़ा)
इतनी कृपा मैया जी,
बनाए रखना,
मरते दम तक सेवा में,
लगाए रखना,
मरते दम तक सेवा में,
लगाए रखना,
इतनी कृपा मैया जी।।

(अंतरा)
मैं तेरा, तू मेरी मैया,
तू राजी, मैं राजी,
तेरे हवाले कर दी मैंने,
इस जीवन की बाजी,
लाज तेरे हाथ है,
बचाए रखना,
मरते दम तक सेवा में,
लगाए रखना,
इतनी कृपा मैया जी।।

तेरे प्रेमियों में मन लगता,
और कहीं ना लागे,
तेरे द्वार के आगे मैया,
सब फीका सा लागे,
भजनों की इस भूख को,
जगाए रखना,
मरते दम तक सेवा में,
लगाए रखना,
इतनी कृपा मैया जी।।

हाथ जोड़कर करूँ प्रार्थना,
मुझको भूल ना जाना,
तेरे दर पे लगा रहे बस,
मेरा आना-जाना,
दिन-ब-दिन ये सिलसिला,
चलाए रखना,
मरते दम तक सेवा में,
लगाए रखना,
इतनी कृपा मैया जी।।

(पुनरावृत्ति)
इतनी कृपा मैया जी,
बनाए रखना,
मरते दम तक सेवा में,
लगाए रखना,
मरते दम तक सेवा में,
लगाए रखना,
इतनी कृपा मैया जी।।
 
मैया की कृपा की यह पुकार, वह निश्छल भक्ति है, जो भक्त के हृदय को उनकी सेवा में सदा जोड़े रखने की प्रार्थना करती है। यह आकांक्षा, कि जीवन का हर पल मैया की भक्ति में बीते, वह दीप है, जो मन को उनके प्रकाश से आलोकित करता है।

मैया और भक्त का यह रिश्ता, जहाँ दोनों की राजी में ही सुख है, वह प्रेम का बंधन है, जो जीवन की हर बाजी को उनके हवाले कर देता है। उनकी लाज बचाने की जिम्मेदारी मैया पर छोड़ना, वह विश्वास है, जो भक्त को निर्भय बनाता है। यह समर्पण उस फूल की तरह है, जो मैया के चरणों में अर्पित होकर सुगंध बिखेरता है।

मैया के प्रेमियों की संगति में मन रमना, और उनके द्वार के आगे संसार का सब कुछ फीका लगना, यह भक्ति की वह भूख है, जो सदा प्रभु के भजनों में तृप्ति माँगती है। यह प्रार्थना, कि यह सिलसिला दिन-ब-दिन चलता रहे, वह तड़प है, जो भक्त को उनके दर पर बार-बार लाती है। 

यह भक्ति वह नदी है, जो मैया के चरणों में बहती हुई, आत्मा को उनके प्रेम में डुबो देती है, और जीवन को उनकी कृपा के रंग से सराबोर कर देती है। मैया की सेवा में मरते दम तक लगे रहने की यह कामना, हर भक्त के मन की सच्ची पुकार है।
 


Navratri 2023 | इतनी किरपा मैया जी बनाये रखना | Itni Kirpa Maiya Ji Banaye Rakhna | Sukh Sagar
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