बागनमों नंदलाल चलोरी लिरिक्स
बागनमों नंदलाल चलोरी
बागनमों नंदलाल चलोरी॥ अहालिरी॥टेक॥
चंपा चमेली दवना मरवा। झूक आई टमडाल॥१॥
बागमों जाये दरसन पाये। बिच ठाडे मदन गोपाल॥२॥
मीराके प्रभू गिरिधर नागर। वांके नयन विसाल॥३॥
जमुनाजीको तीर दधी बेचन जावूं॥ध्रु०॥
येक तो घागर सिरपर भारी दुजा सागर दूर॥१॥
कैसी दधी बेचन जावूं एक तो कन्हैया हटेला दुजा मखान चोर॥ कैसा०॥२॥
येक तो ननंद हटेली दुजा ससरा नादान॥३॥
है मीरा दरसनकुं प्यासी। दरसन दिजोरे महाराज॥४॥
जमुनामों कैशी जाऊं मोरे सैया। बीच खडा तोरो लाल कन्हैया॥ध्रु०॥
ब्रिदाबनके मथुरा नगरी पाणी भरणा। कैशी जाऊं मोरे सैंया॥१॥
हातमों मोरे चूडा भरा है। कंगण लेहेरा देत मोरे सैया॥२॥
दधी मेरा खाया मटकी फोरी। अब कैशी बुरी बात बोलु मोरे सैया॥३॥
शिरपर घडा घडेपर झारी। पतली कमर लचकया सैया॥४॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलजाऊ मोरे सैया॥५॥
जल कैशी भरुं जमुना भयेरी॥ध्रु०॥
खडी भरुं तो कृष्ण दिखत है। बैठ भरुं तो भीजे चुनडी॥१॥
मोर मुगुटअ पीतांबर शोभे। छुम छुम बाजत मुरली॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चणरकमलकी मैं जेरी॥३॥