पलक ना लागे मेरी श्याम बिना लिरिक्स Palak Na Lage Meri Shyam Bina Lyrics

पलक ना लागे मेरी श्याम  बिना लिरिक्स Palak Na Lage Meri Shyam Bina Lyrics

पलक ना लागे मेरी श्याम  बिना मीरा भजन
पलक न लागी मेरी स्याम बिना ।।टेक।।
हरि बिनु मथुरा ऐसी लागै, शसि बिन रैन अँधेरी।
पात पात वृन्दावन ढूंढ्यो, कुँज कुँज ब्रज केरी।
ऊँचे खड़े मथुरा नगरी, तले बहै जमना गहरी।
मीराँ के प्रभु गिरधरनागर हरि चरणन की चेरी।।
पलक ना लागे मेरी श्याम  बिना लिरिक्स Palak Na Lage Meri Shyam Bina Lyrics
Palak Na Laage Meree Shyaam  Bina Meera Bhajan
Palak Na Laagee Meree Syaam Bina ..tek..
Hari Binu Mathura Aisee Laagai, Shasi Bin Rain Andheree.
Paat Paat Vrndaavan Dhoondhyo, Kunj Kunj Braj Keree.
Oonche Khade Mathura Nagaree, Tale Bahai Jamana Gaharee.
Meeraan Ke Prabhu Giradharanaagar Hari Charanan Kee Cheree..
पलक ना लागे मेरी श्याम  बिना मीरा भजन   Please watch: "कब आओगे मदन गोपाल ! super hit krishna bhajan 2019 ~ Kab Aaoge Madan Gopal"  https://www.youtube.com/watch?v=72q1o... --~-- SAV - 60462  ✪Video Name :- Shyam Bin Palak Na Lage Mori  ✪Copyright :- Bankey Bihari Music (BBM Series)
 
पपइया रे, पिव की वाणि न बोल।
सुणि पावेली बिरहुणी रे, थारी रालेली पांख मरोड़॥
चोंच कटाऊं पपइया रे, ऊपर कालोर लूण।
पिव मेरा मैं पीव की रे, तू पिव कहै स कूण॥
थारा सबद सुहावणा रे, जो पिव मेंला आज।
चोंच मंढ़ाऊं थारी सोवनी रे, तू मेरे सिरताज॥
प्रीतम कूं पतियां लिखूं रे, कागा तू ले जाय।
जाइ प्रीतम जासूं यूं कहै रे, थांरि बिरहस धान न खाय॥
मीरा दासी व्याकुल रे, पिव पिव करत बिहाय।
बेगि मिलो प्रभु अंतरजामी, तुम विन रह्यौ न जाय॥

पिया मोहि दरसण दीजै हो।
बेर बेर मैं टेरहूं, या किरपा कीजै हो॥
जेठ महीने जल बिना पंछी दुख होई हो।
मोर असाढ़ा कुरलहे घन चात्रा सोई हो॥
सावण में झड़ लागियो, सखि तीजां खेलै हो।
भादरवै नदियां वहै दूरी जिन मेलै हो॥
सीप स्वाति ही झलती आसोजां सोई हो।
देव काती में पूजहे मेरे तुम होई हो॥
मंगसर ठंड बहोती पड़ै मोहि बेगि सम्हालो हो।
पोस महीं पाला घणा,अबही तुम न्हालो हो॥
महा महीं बसंत पंचमी फागां सब गावै हो।
फागुण फागां खेलहैं बणराय जरावै हो।
चैत चित्त में ऊपजी दरसण तुम दीजै हो।
बैसाख बणराइ फूलवै कोमल कुरलीजै हो॥
काग उड़ावत दिन गया बूझूं पंडित जोसी हो।
मीरा बिरहण व्याकुली दरसण कद होसी हो॥
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