लक्ष्मी मैया मेरी अर्जी सुन लीजिए भजन

लक्ष्मी मैया मेरी अर्जी सुन लीजिए भजन

(मुखड़ा)
लक्ष्मी मैया, मेरी अर्जी सुन लीजिए,
हमको भक्ति का वरदान दे दीजिए,
मैया, आ जाइए, माता, आ जाइए,
अब नहीं देर, माता, ज़रा कीजिए,
हम करें माँ, तुम्हारी सदा वंदना,
प्रार्थना माँ, हमारी भी सुन लीजिए।।

(अंतरा)
अपने भक्तों की करती हो रक्षा सदा,
हम दीनों पे भी माँ, दया कीजिए,
जो भी आता है दर पे, माँ, लेती शरण,
मैया, हमको भी अपनी शरण लीजिए,
मैया, हरती हो भक्तों के कष्ट सभी,
माँ, हमारे भी कष्टों को हर लीजिए।।

माँ, तुम्हीं भक्ति हो, माँ, तुम्हीं शक्ति हो,
हमको भक्ति और शक्ति माँ, दे दीजिए,
तुमने भक्तों को भव से भी तारा है माँ,
पार भव से हमें भी माँ, कर दीजिए,
सबको भक्ति मिले, सबको मुक्ति मिले,
ऐसा वरदान, माँ, सबको दे दीजिए।।

कोई रोटी को तरसे नहीं माँ, कभी,
सबके भंडार भरपूर भर दीजिए,
चाहें न माँ, खजाने कभी आपसे,
अपने चरणों की सेवा माँ, दे दीजिए,
माँ के चरणों की ज्योति से रोशन जहाँ,
घर सभी का, माँ, उजियार कर दीजिए।।

कीजिए, कीजिए, माँ, दया कीजिए,
आज हम पे भी, मैया, दया कीजिए,
जिसने माँगा है, जो तुमने उसको दिया,
झोली भक्ति से मेरी भी भर दीजिए,
कैसे आएँ द्वारे पे हम आपके,
रस्ता ‘शिव’ को माँ, कोई दिखा दीजिए।।

(पुनरावृत्ति)
लक्ष्मी मैया, मेरी अर्जी सुन लीजिए,
हमको भक्ति का वरदान दे दीजिए,
मैया, आ जाइए, माता, आ जाइए,
अब नहीं देर, माता, ज़रा कीजिए,
हम करें माँ, तुम्हारी सदा वंदना,
प्रार्थना माँ, हमारी भी सुन लीजिए।।

भक्त माँ से प्रार्थना करता है कि वह उसे भक्ति और शक्ति का वरदान दें और उसके जीवन को अपने चरणों की सेवा से भर दें। माँ के चरणों की ज्योति से संसार को प्रकाशमान करने की प्रार्थना की जाती है, और अंत में भक्त माँ से निवेदन करता है कि वह अपनी दया दृष्टि सभी पर बनाए रखें।

सुन्दर भजन में माँ लक्ष्मीजी की कृपा, भक्ति और आत्मसमर्पण का भाव प्रदर्शित होता है। जब भक्त अपने हृदय की व्याकुलता लेकर माँ के दरबार में आता है, तो उसकी एकमात्र प्रार्थना यही होती है कि माँ उसे अपने आशीर्वाद से धन्य करें। भक्ति ही जीवन का सबसे बड़ा धन है, और माँ का अनुग्रह ही साधक को सच्ची संतुष्टि प्रदान करता है।

माँ सदा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। जो श्रद्धा से उनकी शरण में आता है, वह कभी भी खाली नहीं लौटता। माँ के चरणों में समर्पण से समस्त दुख समाप्त हो जाते हैं, और आत्मा दिव्यता से भर जाती है। उनकी कृपा से जीवन के समस्त कष्ट मिट जाते हैं, और साधक को शांति का अनुभव होता है।

माँ केवल धन और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री नहीं, अपितु भक्ति और शक्ति की स्रोत भी हैं। जो सच्चे हृदय से उनका स्मरण करता है, उसे आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। माँ का आशीर्वाद मन को निर्भयता देता है, और भवसागर को पार करने में सहायता करता है।

माँ से विनती है कि संसार में कोई भी भूखा न रहे, सबके भंडार भरे रहें, और कोई भी दुःख से पीड़ित न हो। माँ के चरणों की सेवा ही सच्ची संपत्ति है, और उनकी ज्योति से ही संसार में प्रकाश फैला रहता है। उनके सानिध्य में घर और हृदय दोनों प्रकाशित होते हैं, और आत्मा को शांति प्राप्त होती है।
#VIDEO | |लक्ष्मी पूजा स्पेशल भजन | मेरी अर्जी सुन लीजिये | Diwali Geet

►Album : Meri Arji Sun Lijiye
►Song : Meri Arji Sun Lijiye
►Singer : Urvasi Sinha
►Music : Manoj Banty
►Lyrics : Shivnarayan Verma
►Producer : Manoj Banty  
►Label :  MBS Bhakti Kalash

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