आई लव माई इंडिया सोंग
आई लव माई इंडिया सोंग
लंदन देखा, पैरिस देखा, और देखा जापान
माइकल देखा, एल्विस देखा, सब देखा मेरी जान
सारे जग में कहीं नहीं है दूसरा हिंदुस्तान
दूसरा हिंदुस्तान…!
ये दुनिया एक दुल्हन, दुल्हन के माथे की बिंदिया,
ये मेरा इंडिया… I love my India!
I love my India… I love my India!
I love my India… I love my India!
जब छेड़ा मल्हार किसी ने, झूम के सावन आया
आग लगा दी पानी में जब दीपक राग सुनाया
सात सुरों का संगम ये, जीवन गीतों की माला
हम अपने भगवान को भी कहते हैं बांसुरी वाला
ये मेरा इंडिया… I love my India!
पीहू-पीहू बोले पपीहा, कोयल कूहू-कूहू गाए
हँसते-रोते, हमने जीवन के सब गीत बनाए
ये सारी दुनिया अपने-अपने गीतों को गाए
गीत वो गाओ जिससे इस मिट्टी की खुशबू आए
I love my India… I love my India!
वतन मेरा इंडिया
सजन मेरा इंडिया
करम मेरा इंडिया
धरम मेरा इंडिया
I love my India… I love my India!
माइकल देखा, एल्विस देखा, सब देखा मेरी जान
सारे जग में कहीं नहीं है दूसरा हिंदुस्तान
दूसरा हिंदुस्तान…!
ये दुनिया एक दुल्हन, दुल्हन के माथे की बिंदिया,
ये मेरा इंडिया… I love my India!
I love my India… I love my India!
I love my India… I love my India!
जब छेड़ा मल्हार किसी ने, झूम के सावन आया
आग लगा दी पानी में जब दीपक राग सुनाया
सात सुरों का संगम ये, जीवन गीतों की माला
हम अपने भगवान को भी कहते हैं बांसुरी वाला
ये मेरा इंडिया… I love my India!
पीहू-पीहू बोले पपीहा, कोयल कूहू-कूहू गाए
हँसते-रोते, हमने जीवन के सब गीत बनाए
ये सारी दुनिया अपने-अपने गीतों को गाए
गीत वो गाओ जिससे इस मिट्टी की खुशबू आए
I love my India… I love my India!
वतन मेरा इंडिया
सजन मेरा इंडिया
करम मेरा इंडिया
धरम मेरा इंडिया
I love my India… I love my India!
इस देशभक्ति गीत में हिंदुस्तान के अनुपम सौंदर्य और सांस्कृतिक वैभव का गहरा उदगार है। लंदन, पैरिस, जापान की चमक देखने के बाद भी, हृदय यह मानता है कि दुनिया में दूसरा हिंदुस्तान नहीं। जैसे बिंदिया दुल्हन के माथे की शोभा बढ़ाती है, वैसे ही भारत विश्व की शान है।
सात सुरों का संगम, मल्हार की झंकार, और दीपक राग की जादुई शक्ति भारत की आत्मा को रागमयी बनाती है। पपीहे की पीहू और कोयल की कूहू जीवन के हर रंग को गीतों में पिरोती है, जो इस मिट्टी की खुशबू से सराबोर हैं। यहाँ भगवान भी बांसुरी बजाने वाले श्रीकृष्णजी के रूप में पूजे जाते हैं। यह भाव आत्मा को प्रेरित करता है कि वतन, धर्म, और कर्म का यह संगम भारत ही है, जिसके प्रेम में हर देशवासी गर्व और शांति पाता है।
सात सुरों का संगम, मल्हार की झंकार, और दीपक राग की जादुई शक्ति भारत की आत्मा को रागमयी बनाती है। पपीहे की पीहू और कोयल की कूहू जीवन के हर रंग को गीतों में पिरोती है, जो इस मिट्टी की खुशबू से सराबोर हैं। यहाँ भगवान भी बांसुरी बजाने वाले श्रीकृष्णजी के रूप में पूजे जाते हैं। यह भाव आत्मा को प्रेरित करता है कि वतन, धर्म, और कर्म का यह संगम भारत ही है, जिसके प्रेम में हर देशवासी गर्व और शांति पाता है।