मैया के दर पे मुझे जाना है भजन
मैया के दर पे मुझे जाना है भजन
जिसका मुझे था इंतज़ार,
जिसके लिए दिल था बेकरार,
वो घड़ी आ गई, आ गई आज,
मैया के दर पे मुझे जाना है,
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है।।
(अंतरा)
बरसों से मुझको आस लगी थी,
तेरे दरश की प्यास जगी थी,
आ ना पाया माता मैं तेरे दरबार में,
भूला हुआ था मैं पापी संसार में,
वो घड़ी आ गई, आ गई आज,
बादल दुखों के ये छँट जाना है,
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है।।
सारे ज़माने ने मुझको सताया,
दुःख में न कोई मेरे काम आया,
फिरता हूँ दुनिया में मैं मारा-मारा,
अब तो है केवल तुम्हारा सहारा,
वो घड़ी आ गई, आ गई जब,
इस दिल ने तुझको ही पहचाना है,
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है।।
माँ, मेरी इच्छा पूरी कर दो,
खुशियों से मेरी भी झोली भर दो,
तुम अपना जलवा मुझे भी दिखाओ माँ,
चरणों का सेवक मुझे भी बनाओ माँ,
वो घड़ी आ गई, आ गई,
भव-सिंधु से मुझको तर जाना है,
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है।।
(पुनरावृति)
जिसका मुझे था इंतज़ार,
जिसके लिए दिल था बेकरार,
वो घड़ी आ गई, आ गई आज,
मैया के दर पे मुझे जाना है,
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है।।
Jiska mujhe tha intezaar
सुन्दर भजन में माँ की कृपा और भक्त की अपार श्रद्धा का भाव मुखरित होता है। यह आत्मा की पुकार है, जो लंबे समय तक संसार के मोह में उलझी रही, परंतु अब परम मातृशक्ति के चरणों में समर्पित होने के लिए तत्पर है। जब मन दुखों से घिर जाता है और कोई सहारा नहीं दिखता, तब भक्त की अन्तःवेदना माँ की गोद में शरण लेने को व्याकुल होती है।
माँ के दरबार में आने की उत्कंठा भक्त के अंतर्मन में वर्षो से विद्यमान थी, परंतु अब वह अवसर आ गया है जब समस्त पीड़ा समाप्त हो सकती है। संसार ने भले ही ठुकराया हो, कष्टों ने बार-बार घेर लिया हो, पर माँ का आशीर्वाद ही वह शक्ति है जो सब अंधकार को मिटा सकता है।
माँ से याचना है कि उनकी कृपा से जीवन को आनंद और संतोष से भर दें। माँ के चरणों की सेवा ही सच्चा सुख है, और उनका दर्शन आत्मा को सच्ची मुक्ति प्रदान करता है। माँ की महिमा अपार है—जो उनके चरणों में सच्चे मन से समर्पण करता है, वह भवसागर से पार हो जाता है। भक्त की यह पुकार उसकी आस्था, विश्वास और अडिग समर्पण को दर्शाती है, और माँ की असीम कृपा से उसका जीवन मंगलमय हो जाता है।