अरूज़े कामयाबी पर कभी तो हिन्दुस्तां होगा लिरिक्स
अरूज़े कामयाबी पर कभी तो हिन्दुस्तां होगा
अरूज़े कामयाबी पर कभी तो हिन्दुस्तां होगा ।
रिहा सैयाद के हाथों से अपना आशियां होगा ।
चखायेंगे मजा बरबादी-ए-गुलशन का गुलचीं को ।
बहार आयेगी उस दिन जब कि अपना बागवां होगा ।
वतन की आबरू का पास देखें कौन करता है ।
सुना है आज मकतल में हमारा इम्तहां होगा ।
जुदा मत हो मेरे पहलू से ऐ दर्दे-वतन हरगिज।
न जाने बाद मुर्दन मैं कहां और तू कहां होगा ।
यह आये दिन की छेड़ अच्छी नहीं ऐ खंजरे-कातिल !
बता कब फैसला उनके हमारे दरमियां होगा ।
शहीदों की चितायों पर जुड़ेगें हर बरस मेले ।
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा ।
इलाही वह भी दिन होगा जब अपना राज्य देखेंगे ।
जब अपनी ही जमीं होगी और अपना आसमां होगा ।