(मुखड़ा) लुटा दिया भंडार शेरावाली ने, कर दिया मालामाल मेहरवाली ने, शेरावाली ने, मेहरवाली ने, लुटा दिया भंडार शेरावाली ने, कर दिया मालामाल मेहरवाली ने।।
(अंतरा) जैसी जो भावना लाया, वैसा ही फल वो पाया, नहीं खाली उसे लौटाया, वो मन ही मन हर्षाया, कर दिया उसे निहाल शेरावाली ने, कर दिया मालामाल मेहरवाली ने।।
जो लगन लगाया सच्ची, फिर उसकी नाव ना अटकी, बेड़े को पार लगाया, ना देर करे वो पल की, मिटा दिया जंजाल शेरावाली ने, कर दिया मालामाल मेहरवाली ने।।
चरणों की किया जो सेवा, वो पाया मिश्री, मेवा, जिसने माँगा बेटा, वो चाँद सा टुकड़ा पाया, कर दिया फिर खुशहाल शेरावाली ने, कर दिया मालामाल मेहरवाली ने।।
जिसने श्रृंगार सजाया, वो माँ का दर्शन पाया, वो मन ही मन हर्षाया, नैनों में रूप बसाया, दिया है जन्म सुधार शेरावाली ने, कर दिया मालामाल मेहरवाली ने।।
(पुनरावृति) लुटा दिया भंडार शेरावाली ने, कर दिया मालामाल मेहरवाली ने, शेरावाली ने, मेहरवाली ने, लुटा दिया भंडार शेरावाली ने, कर दिया मालामाल मेहरवाली ने।।
लुटा दिया भंडार शेराँवाली ने|Luta Diya Bhandar Sheronwali Ne |Sukhjeet Singh Toni |Mata Rani Bhajan यह भजन माँ शेरावाली की कृपा और भक्तों पर उनकी अनंत दया को दर्शाता है। माँ अपने भक्तों की सच्ची भावनाओं के अनुसार फल देती हैं, किसी को भी खाली नहीं लौटातीं और हर दुख को हर लेती हैं। उनकी सेवा करने वालों को अन्न, धन, संतान और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। माँ के दरबार में जो भी श्रद्धा से आता है, उसका जीवन संवर जाता है।
Song : Luta Diya Bhandaar Sheronwali Ne Singer : Sukhjeet Singh Toni Lyrics : Traditional