श्री बद्रीनाथ जी की आरती लिरिक्स Badri Nath Aarti Lyrics

श्री बद्रीनाथ जी की आरती लिरिक्स Badri Nath Aarti Lyrics SHRI BADRINATH JI KI AARTI आरती संग्रह | आरती लिरिक्स हिंदी

बद्रीनाथ तीर्थ का नाम स्थानीय शब्द बद्री से पड़ा है, जो एक जंगली बेरी का प्रकार है। कहा जाता है कि इन पर्वतों में, जब भगवान विष्णु तपस्या में बैठे थे, तो उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी ने बेर के पेड़ का रूप धारण किया और उन्हें कठोर सूर्य से बचाया। यह न केवल भगवान का स्वयं का निवास स्थान है, बल्कि अनगिनत तीर्थयात्रियों, संतों और ऋषियों का भी घर है जो आत्मज्ञान की तलाश में यहां ध्यान लगा रहे हैं। प्राकृतिक सौंदर्य में बद्रीनाथ धाम का स्थान अतुलनीय है। यह मंदिर चमोली जिले की गढ़वाल पहाड़ियों में समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,279 फीट) की ऊंचाई पर अलकनंदा नदी के मूक तट पर बना है। यह उपमहाद्वीप के सबसे अधिक देखे जाने वाले तीर्थ स्थलों में से एक है, जो एक वर्ष में दस लाख से अधिक आगंतुकों की रिकॉर्डिंग करता है। 
बद्रीनाथ का ऐतिहासिक महत्व भी है क्योंकि आदि शंकर ने यहां मंदिर की स्थापना की थी। आदि शंकराचार्य का जन्म एक हज़ार साल से भी पहले केरल में कलदी नामक स्थान पर हुआ था। वह लगभग महा -मानव क्षमताओं और एक असाधारण विद्वान के साथ एक विलक्षण बच्चा था। वह दो साल की उम्र में ही धाराप्रवाह संस्कृत बोलने और लिखने में सक्षम थे। वह चार वर्ष की आयु में, और वृद्धावस्था में सभी वेदों का पाठ करने में सक्षम थे

जय बद्रीनाथ की || आरती श्री बद्रीनाथ जी की || सुपरहिट आरती || नीलिमा

जय जय श्री बद्रीनाथ,जयति योग ध्यानी
निर्गुण सगुण स्वरूप, मेधवर्ण अति अनूप |
सेवत चरण स्वरूप, ज्ञानी विज्ञानी |
जय जय श्री बद्रीनाथ,जयति योग ध्यानी
झलकत है शीश छत्र, छवि अनूप अति विचित्र |
बरनत पावन चरित्र, स्कुचत बरबानी | जय...
तिलक भाल अति विशाल,गल में मणि मुक्त-माल |
प्रनत पल अति दयाल,सेवक सुखदानी |
जय जय श्री बद्रीनाथ,जयति योग ध्यानी
कानन कुण्डल ललाम,मूरति सुखमा की धाम |
सुमिरत हों सिद्धि काम,कहत गुण बखानी |
जय जय श्री बद्रीनाथ,जयति योग ध्यानी
गावत गुण शंभु शेष,इन्द्र चन्द्र अरु दिनेश |
विनवत श्यामा हमेश,जोरी जुगल पानी |
जय जय श्री बद्रीनाथ,जयति योग ध्यानी
Jay Jay Shree Badreenaath,jayati Yog Dhyaanee
Nirgun Sagun Svaroop, Medhavarn Ati Anoop |
Sevat Charan Svaroop, Gyaanee Vigyaanee |
Jay Jay Shree Badreenaath,jayati Yog Dhyaanee
Jhalakat Hai Sheesh Chhatr, Chhavi Anoop Ati Vichitr |
Baranat Paavan Charitr, Skuchat Barabaanee | Jay...
Tilak Bhaal Ati Vishaal,gal Mein Mani Mukt-maal |
Pranat Pal Ati Dayaal,sevak Sukhadaanee |
Jay Jay Shree Badreenaath,jayati Yog Dhyaanee
Kaanan Kundal Lalaam,moorati Sukhama Kee Dhaam |
Sumirat Hon Siddhi Kaam,kahat Gun Bakhaanee |
Jay Jay Shree Badreenaath,jayati Yog Dhyaanee
Gaavat Gun Shambhu Shesh,indr Chandr Aru Dinesh |
Vinavat Shyaama Hamesh,joree Jugal Paanee |
Jay Jay Shree Badreenaath,jayati Yog Dhyaanee



 

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