श्याम को अलबेलो दरबार लिरिक्स

श्याम को अलबेलो दरबार Shyam Ko Albelo Darbar Lyrics

श्याम को अलबेलो दरबार,
खाटू को अलबेलो दरबार,
यह विराजे शीश को दानी कलयुग को अवतार,
श्याम का अलबेला दरबार

खाटू का मंदिर है निराला,
वहाँ पे रहता डमरू वाला,
दोड्या पे हनुमान खड़े है परमानेंट सरकार,
श्याम का अलबेला दरबार......

सुबह श्याम वहाँ होती आरती भक्तो की वहाँ भीड़ लागती,
मंदिर आगे कीर्तन होता गूंजे जय जय कार,
श्याम का अलबेला दरबार.....

सुनील शर्मा दिंगाड़ियाँ कहता खाली झोली संवारा भरता,
शेखावत दिनेश बोले भर देता ये भण्डार,
श्याम का अलबेला दरबार.....

 


यह भजन खाटू श्याम जी के मंदिर की महिमा का वर्णन है। भक्त खाटू श्याम जी को "अलबेला" कहकर संबोधित करता है। यह एक प्यार और सम्मानजनक संबोधन है। भक्त खाटू श्याम जी के मंदिर की सुंदरता और महत्व का वर्णन करता है। वह कहता है कि खाटू श्याम जी का मंदिर एक अनोखा मंदिर है जहाँ शीश को दानी कलयुग के अवतार भगवान श्री कृष्ण विराजते हैं।
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