श्याम तेरा ही सहारा भजन
श्याम तेरा ही सहारा भजन
जहां से मैं हारा तेरे दर पे आया,सँभालो मुझे श्याम तेरा ही सहारा,
मेरी किस्मत भी सवारों ना बाबा,
मेरे सावरे अपना वादा निभा जा।
दर दर की ठोकर श्याम खाई है मैंने,
अपने पराये श्याम पहचाने मैंने,
गिरते हुए को गिराता जमाना,
सँभालो मुझे श्याम तेरा ही सहारा।
तेरी दया का प्यासा हूँ साँवरे में,
कितने हे दिल के छाले ये जान ले रे,
खुद रो पड़ोगे मेरी हालात पे बाबा,
सँभालो मुझे श्याम तेरा ही सहारा।
चौखट से तेरी श्याम जाऊँ ना ख़ाली,
अब होंगे दर्शण तेरे या जाये जान मेरी,
राही ने समझा श्याम तेरा ये इशारा,
सँभालो मुझे श्याम तेरा ही सहारा।
जहा से मैं हारा तेरे दर पे आया,
सँभालो मुझे श्याम तेरा ही सहारा,
मेरी किस्मत भी सवारों ना बाबा,
मेरे सावरे अपना वादा निभा जा।
यह गीत खाटू श्याम जी के प्रति भक्त की प्रार्थना है। भक्त श्याम जी से अपनी हार और निराशा के बारे में बताता है। वह श्याम जी से उसे संभालने और उसकी मदद करने की प्रार्थना करता है। गीत के पहले दो चरणों में, भक्त श्याम जी से अपनी हार और निराशा के बारे में बताता है। वह कहता है कि वह दुनिया में हर जगह से हार गया है और अब केवल श्याम जी के पास ही उम्मीद है।
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Author - Saroj Jangir
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