मेरे खाटू वाले बाबा के दरबार
मेरे खाटू वाले बाबा के दरबार में भक्त जो आते है,
वो मन इच्छा फल पाते हैं, और भवसागर तर जाते है,
मेरे खाटू वाले बाबा के.....
सब कष्ट दूर हो जाते है,
सब दुखो को हर लेते है,
मेरे श्याम दयालु है ऐसे तन मन को निर्बल करते है,
सच्चे मन से जो ध्याता है वो दौड़े दौड़े आते है,
वो मन इच्छा फल पाते है और भवसागर तर जाते है,
मेरे खाटू वाले बाबा के.....
अगर जीवन सफल बनाना है तो श्याम की लग्न लगाले तू,
इस मन के दर्पण में प्राणी उस श्याम प्रभु को वसा ले तू,
फिर करे गए पार तेरी नैया वो माझी बनकर आते है,
वो मन इच्छा फल पाते है और भवसागर तर जाते है,
मेरे खाटू वाले बाबा के.....
मतलब की है दुनिया सारी मतलब के सारे नाते है,
जब विपदा आन पड़े कोई तब श्याम बचाने आते है,
कहता है अमन हर दुखियो को मेरे श्याम प्रभु अपनाते है,
वो मन ईशा फल पाते है और भवसागर तर जाते है,
मेरे खाटू वाले बाबा के.....
यह गीत खाटू श्याम जी के प्रति भक्त की श्रद्धा और विश्वास को दर्शाता है। भक्त श्याम जी को अपने सर्वोच्च आराध्य मानता है और उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करता है।
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