जिंदा हुआ मैं अंधेरो में से सांग

जिंदा हुआ मैं अंधेरो में से सांग

शर्मिंदगी में था मैं डूबा
इस दर्द को मैं न सह सका
मैं था बेजान
तेरे बिना
सांसें थी पर ज़िंदा मैं ना था
नाकामियो से था भरा हुआ
मैं था बेजान
तेरे बिना
पुकार तू ने जिंदा हुआ मैं
अंधेरो में से तेरी महिमा में –(2)

करुणा ने तेरी बचाया मुझे
आज़ादी तेरी है पाई मैंने
हुआ सब नया
येशु तू जब से मिला
पुकार तू ने जिंदा हुआ मैं
अंधेरो में से तेरी महिमा में –(2)
खोया हुआ था
बंधा हुआ था
पर तूने हर जंजीरे तोड़
बेघर था मैं
मिली पाना मुझे
पहचान मुझे तुझमे मिली
टूटा हुआ था
तू ने संभाला
तेरी मोहब्बत
सासों में है बस्सी
मिली है मंजिल
हुआ सब हासिल
जब से पुकारा तू ने
जिंदा हुआ मैं
अंधेरो में से
तेरी महिमा में
पुकार तू ने
जिंदा हुआ मैं
अंधेरो में से
तेरी महिमा में


Zinda Hoon Main | Nations of Worship ft. Joseph Raj Allam, Akshay Mathews Gwen Dias

 जीवन की गहराइयों में डूबा मन, जब शर्मिंदगी और नाकामियों के बोझ तले दबा हो, तब सांसें तो चलती हैं, पर जीवंतता कहीं खो सी जाती है। यह वह अवस्था है, जहां व्यक्ति बिना दिशा, बिना प्रकाश, मात्र छाया की तरह जीता है। परंतु, एक पुकार, एक करुणामयी स्पर्श, सब कुछ बदल देता है। यह पुकार आत्मा को झकझोरती है, जैसे कोई प्रेम से बुलाए और अंधेरों से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाए।

करुणा का वह सागर, जो हर टूटे दिल को संभाल लेता है, हर बंधन को तोड़ देता है। वह प्रेम, जो बेघर को आश्रय देता है, खोए हुए को पहचान। जैसे कोई पथिक रेगिस्तान में भटक रहा हो, और उसे अचानक ठंडी छांव और जल का स्रोत मिल जाए। यह प्रेम सांसों में बस जाता है, जीवन को नया अर्थ देता है।

जब यह पुकार सुनाई देती है, तब सब कुछ नया हो जाता है। जंजीरें टूटती हैं, बोझ हल्का होता है, और मन महिमा के रंग में रंग जाता है। यह यात्रा अंधेरे से उजाले की ओर, मृत्यु से जीवन की ओर है। मंजिल मिलती है, और हर अधूरी ख्वाहिश पूरी होने का अहसास होता है। यह वह जीवंतता है, जो केवल प्रेम और करुणा के मिलन से जन्म लेती है, जो आत्मा को सदा के लिए मुक्त कर देती है।
 
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