आया रे आया मेला श्याम का भजन

आया रे आया मेला श्याम का भजन

आया रे आया मेला श्याम का श्याम के दीवाने कैसे झुमने लगे,
दिल खोल के लुटाये मेरा संवारा,श्याम के दीवाने कैसे झुमने लगे,
नीले पीले लेके सब निशान चल पड़े,
श्याम जी का दरते हुए ध्यान चल पड़े,
कैसे गूंजता जैकारा मेरे श्याम का,
श्याम के दीवाने कैसे झुमने लगे

ढोल नगाड़े देखो संख बजे,
श्याम के मेले में रंग उड़े,
सतरंगिया मेला मेरे श्याम का,
श्याम के दीवाने कैसे झुमने लगे

मेरे श्याम ने भुलाया दरबार चलो,
खाटू में होता दरबार चलो,
कैसा आया रे आया रे मेला श्याम का,
श्याम के दीवाने कैसे झुमने लगे 


सुंदर भजन में श्रीकृष्णजी के मेले की वो रौनक और भक्ति का जोश झलकता है, जो हर भक्त के दिल को झुमा देता है। यह एक ऐसी तस्वीर है, जहाँ श्याम के दीवाने उनके नाम में डूबकर नाचते-गाते हैं, मानो सारी दुनिया की खुशी उनके कदमों में सिमट आई हो। नीले-पीले झंडों को थामे, भक्त श्रीकृष्णजी के ध्यान में मगन होकर उनके दर की ओर चल पड़ते हैं। हर तरफ बस उनके जैकारे गूंजते हैं, जो दिल को उमंग से भर देते हैं।

मेले का माहौल ऐसा है, जहाँ ढोल-नगाड़ों की थाप और शंख की ध्वनि हवा में रंग बिखेरती है। यह सतरंगी मेला श्रीकृष्णजी की कृपा और प्रेम का प्रतीक है, जो हर भक्त को अपने रंग में रंग लेता है। जैसे कोई विद्यार्थी अपने प्रिय उत्सव में शामिल होकर उछलने लगता है, वैसे ही भक्त अपने श्याम के मेले में मस्ती में डूब जाते हैं। यह मस्ती सिर्फ बाहरी नहीं, बल्कि मन की गहराइयों से उपजती है, जहाँ हर भक्त अपने श्याम के प्यार में खो जाता है।
 
Aaya Re Mela Shyam Ka || Sonu Lakha का सुपरहिट सांग || 2018 Top Khatu Shyam Song Devotional Jmd
Song -  Aaya Re Mela Shyam Ka
Singer - Sonu Lakha (8750548706)

Music Director - Seva Singh (9212337808)
Writer - Shri Murari Lal Ji Sharma 

खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गाँव में स्थित है और यह भारत के सबसे प्रसिद्ध और चमत्कारी धार्मिक स्थलों में से एक है। खाटू श्याम जी को महाभारत के वीर योद्धा बर्बरीक के रूप में जाना जाता है, जो भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे। कथा के अनुसार, महाभारत युद्ध से पहले श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से उनका शीश (सिर) दान में मांगा था, जिसे बर्बरीक ने सहर्ष समर्पित कर दिया।

श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में वे "श्याम" नाम से पूजे जाएंगे और हारे हुए लोगों के सहारा बनेंगे, इसलिए उन्हें "हारे का सहारा" भी कहा जाता है। खाटू श्याम जी के मंदिर में उनके शीश की पूजा होती है और यहाँ हर रोज़ लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से बाबा श्याम के दर्शन करने से जीवन की सभी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं और मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। मंदिर परिसर में श्याम कुंड नामक पवित्र जलाशय भी है, जिसमें स्नान करने से विशेष पुण्य मिलता है।
 
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