जाणों है रहणों नहीं,
और जाणों बिसवा बीच,
एक घड़ी रे कारणे,
तू काहे कटावे शीश,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
तन की चुनड़ी भई रे पुराणी,
दिन दिन बदरंग होय,
इण चुनरी ने और रंगा स्यां,
कोई रंग कोई रंग और,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
गहरी गहरी नदिया,
नाव पुराणी,
मिलना किस विध होय,
संग की सहेली पार उतरगी,
मैं पापण रही रोय,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
एकदिन साँवरो मेरे घर आयो,
मैं पापण गई सोय,
जे मन बेरो होवे आवण को,
लेती जीवलो संजोय,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
लाद चलो नगरी को राजा,
दूर हलकारा होय,
काया बिणजारी कोनिको सिधारी,
रहना किस विध होय,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
काया अग्नि में आग लगी है,
कोई रे बुझावन वाळा होय,
रामानंद को भने कबीरो,
हरी बिन मुक्ति ना होय,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
और जाणों बिसवा बीच,
एक घड़ी रे कारणे,
तू काहे कटावे शीश,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
तन की चुनड़ी भई रे पुराणी,
दिन दिन बदरंग होय,
इण चुनरी ने और रंगा स्यां,
कोई रंग कोई रंग और,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
गहरी गहरी नदिया,
नाव पुराणी,
मिलना किस विध होय,
संग की सहेली पार उतरगी,
मैं पापण रही रोय,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
एकदिन साँवरो मेरे घर आयो,
मैं पापण गई सोय,
जे मन बेरो होवे आवण को,
लेती जीवलो संजोय,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
लाद चलो नगरी को राजा,
दूर हलकारा होय,
काया बिणजारी कोनिको सिधारी,
रहना किस विध होय,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
काया अग्नि में आग लगी है,
कोई रे बुझावन वाळा होय,
रामानंद को भने कबीरो,
हरी बिन मुक्ति ना होय,
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी,
नैण गंवाया दोन्यू रोय।
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी मीनिंग
जाणों है रहणों नहीं, और जाणों बिसवा बीच : इस संसार से एक रोज सभी को रुखसत होना है, यहाँ पर सदा के लिए किसी को रहना नहीं है।एक घड़ी रे कारणे, तू काहे कटावे शीश : एक घडी का इस संसार में रहना है जिसके लिए तुम क्यों अपने शीश को कटा रहे हो ? क्यों तुम एक घडी के जीवन की खातिर अपने को समाप्त कर रहे हो। इस जीवन का मूल उद्देश्य हरी के नाम का सुमिरन है।
पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी, नैण गंवाया दोन्यू रोय : पिया की चिंता में मैं तो पागल हो गई हूँ और रो रोकर मैंने अपने दोनों नयनों को गँवा दिया है।
तन की चुनड़ी भई रे पुराणी, दिन दिन बदरंग होय : इस तन की चुनड़ी को फिर से रंगवाया जाय। यह तो पुरानी होती चली जा रही है और दिन दिन बदरंग होती चली जा रही है।
इण चुनरी ने और रंगा स्यां,कोई रंग कोई रंग और, : इस चुनरी को फिर से रंगवाना है। कोई दूसरा ही रंग इसको रंगवाना है।
गहरी गहरी नदिया, नाव पुराणी : भव सागर की नदी बहुत गहरी है और मेरी नांव पुरानी है।
मिलना किस विध होय, संग की सहेली पार उतरगी, मैं पापण रही रोय, : मिलना किस विधि से होगा। पूर्ण परमात्मा से मिलन कैसे सम्भव होगा। संग के सहेलिया सभी पार उतर गई हैं और मैं गुनहगार जीवात्मा पीछे छूट गई हूँ।
एकदिन साँवरो मेरे घर आयो, मैं पापण गई सोय : एक रोज सांवरा मेरे घर पर आया और मैं अज्ञानता की नींद ही सोती रही।
जे मन बेरो होवे आवण को, लेती जीवलो संजोय : जो मुझे पता होता की मेरे प्रिय आ रहे हैं तो मैं दीपक जला लेती।
लाद चलो नगरी को राजा, दूर हलकारा होय : इस नगरी का राजा / तन को लाद कर ले जाया जा रहा है।
काया बिणजारी कोनिको सिधारी : काय रूपी बिणजारी/व्यापारी किस दिशा में चल रहा है।
काया अग्नि में आग लगी है, कोई रे बुझावन वाळा होय : काया को अग्नि लगा दी गई है अब कौन इसे बुझायेगा।
रामानंद को भने कबीरो, हरी बिन मुक्ति ना होय : रामानंद को कबीर साहेब भजते हैं, सुमिरन करते हैं हरी के सुमिरन के बगैर मुक्ति सम्भव नहीं है।
piye ke fikar main hoi re diwani SANWARMAL SAINI BHAJAN
Jaanon Hai Rahanon Nahin,
Aur Jaanon Bisava Beech,
Ek Ghadee Re Kaarane,
Too Kaahe Kataave Sheesh,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
Tan Kee Chunadee Bhee Re Puraanee,
Din Din Badarang Hoy,
In Chunaree Ne Aur Ranga Syaan,
Koee Rang Koee Rang Aur,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
Gaharee Gaharee Nadiya,
Naav Puraanee,
Milana Kis Vidh Hoy,
Sang Kee Sahelee Paar Utaragee,
Main Paapan Rahee Roy,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
Ekadin Saanvaro Mere Ghar Aayo,
Main Paapan Gaee Soy,
Je Man Bero Hove Aavan Ko,
Letee Jeevalo Sanjoy,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
Laad Chalo Nagaree Ko Raaja,
Door Halakaara Hoy,
Kaaya Binajaaree Koniko Sidhaaree,
Rahana Kis Vidh Hoy,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
Kaaya Agni Mein Aag Lagee Hai,
Koee Re Bujhaavan Vaala Hoy,
Raamaanand Ko Bhane Kabeero,
Haree Bin Mukti Na Hoy,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
Aur Jaanon Bisava Beech,
Ek Ghadee Re Kaarane,
Too Kaahe Kataave Sheesh,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
Tan Kee Chunadee Bhee Re Puraanee,
Din Din Badarang Hoy,
In Chunaree Ne Aur Ranga Syaan,
Koee Rang Koee Rang Aur,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
Gaharee Gaharee Nadiya,
Naav Puraanee,
Milana Kis Vidh Hoy,
Sang Kee Sahelee Paar Utaragee,
Main Paapan Rahee Roy,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
Ekadin Saanvaro Mere Ghar Aayo,
Main Paapan Gaee Soy,
Je Man Bero Hove Aavan Ko,
Letee Jeevalo Sanjoy,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
Laad Chalo Nagaree Ko Raaja,
Door Halakaara Hoy,
Kaaya Binajaaree Koniko Sidhaaree,
Rahana Kis Vidh Hoy,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
Kaaya Agni Mein Aag Lagee Hai,
Koee Re Bujhaavan Vaala Hoy,
Raamaanand Ko Bhane Kabeero,
Haree Bin Mukti Na Hoy,
Piya Ke Fikar Mein Hoi Re Deevaanee,
Nain Ganvaaya Donyoo Roy.
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