भगत श्री राम का नहीं है हनुमान सा, दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा।
तन सिंदूरी रंग के राम को ध्याता है, ओढ़ के राम चदरीया राम गुण गाता है, के हाथो कड़ताल है राम का ख्याल है, दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा।
जहाँ जहाँ कीर्तन होता प्रभु श्री राम का, लगता है पहरा वहाँ पे मेरे हनुमान का, के राम धुन नाँच रहा ये किरपा बांट रहा, दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा।
राम को जो पाना चाहो हनुमान ध्याओ तुम, सच्ची लगन से भक्तो इनको मनाओ तुम, जो हनुमत ध्याएगा राम जी को पायेगा, दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा।
भगत श्री राम का नहीं है हनुमान सा, दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा।
हनुमान जी हिंदू धर्म में भगवान राम के सबसे वफादार भक्तों में से एक हैं। वे एक शक्तिशाली वानर हैं जो भगवान शिव से अपने शक्तिशाली रूप और बुद्धिमत्ता प्राप्त करते हैं। हनुमान जी को भगवान राम के दूत के रूप में भी जाना जाता है, और उन्होंने अपने जीवन में कई साहसिक कार्य किए हैं।