भगत श्री राम का नहीं है हनुमान सा लिरिक्स Bhagat Shri Ram Ka Lyrics

भगत श्री राम का नहीं है हनुमान सा लिरिक्स Bhagat Shri Ram Ka Lyrics, Hanuman Bhajan

भगत श्री राम का नहीं है हनुमान सा,
दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा।

तन सिंदूरी रंग के राम को ध्याता है,
ओढ़ के राम चदरीया राम गुण गाता है,
के हाथो कड़ताल है राम का ख्याल है,
दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा।

जहाँ जहाँ कीर्तन होता प्रभु श्री राम का,
लगता है पहरा वहाँ पे मेरे हनुमान का,
के राम धुन नाँच रहा ये किरपा बांट रहा,
दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा।

राम को जो पाना चाहो हनुमान ध्याओ तुम,
सच्ची लगन से भक्तो इनको मनाओ तुम,
जो हनुमत ध्याएगा राम जी को पायेगा,
दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा।

भगत श्री राम का नहीं है हनुमान सा,
दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा।
 
 
हनुमान जी हिंदू धर्म में भगवान राम के सबसे वफादार भक्तों में से एक हैं। वे एक शक्तिशाली वानर हैं जो भगवान शिव से अपने शक्तिशाली रूप और बुद्धिमत्ता प्राप्त करते हैं। हनुमान जी को भगवान राम के दूत के रूप में भी जाना जाता है, और उन्होंने अपने जीवन में कई साहसिक कार्य किए हैं।

हनुमान जी का जन्म एक वानर राजा के घर हुआ था। उनके पिता का नाम केसरी और उनकी माता का नाम अंजना था। हनुमान जी अपने बचपन से ही एक शक्तिशाली और बुद्धिमान बालक थे। उन्होंने भगवान राम से भक्ति की और उनके सबसे वफादार भक्त बन गए।

हनुमान जी ने अपने जीवन में कई साहसिक कार्य किए हैं। उन्होंने भगवान राम की मदद से रावण की लंका को जला दिया। उन्होंने लंका की कैद से सीता को बचाया। उन्होंने भगवान राम के लिए कई अन्य कार्य भी किए।

हनुमान जी को हिंदू धर्म में एक महान नायक के रूप में माना जाता है। उन्हें भक्ति, शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है।

भक्ति: हनुमान जी भगवान राम के सबसे वफादार भक्त हैं। वे भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति के लिए जाने जाते हैं।
शक्ति: हनुमान जी एक शक्तिशाली वानर हैं। वे अपने शक्तिशाली रूप और बुद्धिमत्ता के लिए जाने जाते हैं।
साहस: हनुमान जी एक साहसी और निडर व्यक्ति हैं। वे अपने साहस के लिए जाने जाते हैं।
हनुमान जी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। उन्हें भक्ति, शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। इस भजन में हनुमान जी की भक्ति और उनकी श्री राम के प्रति समर्पण की भावना को दर्शाया गया है। भजन में कहा गया है कि हनुमान जी श्री राम के भक्तों में सबसे बड़े भक्त हैं। वे राम के प्रति इतने समर्पित हैं कि वे अपने शरीर पर सिंदूरी रंग लगाते हैं, राम की चदरिया पहनते हैं, और राम के गुण गाते हैं। उनके हाथों में राम का ख्याल रहता है।

भजन में यह भी कहा गया है कि हनुमान जी जहाँ भी श्री राम का कीर्तन होता है, वहाँ मौजूद रहते हैं। वे राम की धुन में नाचते हैं और सभी पर अपनी कृपा बरसाते हैं।

भजन के अंत में कहा गया है कि जो लोग श्री राम को पाना चाहते हैं, उन्हें हनुमान जी की भक्ति करनी चाहिए। सच्ची लगन से हनुमान जी की भक्ति करने से श्री राम की कृपा प्राप्त होती है।

यह भजन हनुमान जी की भक्ति की महिमा का वर्णन करता है। भजन में कहा गया है कि हनुमान जी श्री राम के सबसे बड़े भक्त हैं। वे श्री राम के प्रति इतने समर्पित हैं कि वे अपने जीवन का हर पल श्री राम को समर्पित कर देते हैं। वे श्री राम के गुणों का गुणगान करते हैं और उनके नाम का जाप करते हैं।

भजन का यह भाव हमें प्रेरित करता है कि हमें भी हनुमान जी की तरह श्री राम की भक्ति करनी चाहिए। हमें अपने जीवन का हर पल श्री राम को समर्पित करना चाहिए और उनके नाम का जाप करना चाहिए। इससे हमें श्री राम की कृपा प्राप्त होगी और हम अपने जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करेंगे।

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