जय सिया राम की बोल के लिरिक्स Jay Siya Ram Ki Bol Ke Lyrics, Shri Hanuman Bhajan
जब रावण पापी ना माना,प्यार से बात तुम्हारी,
जय सिया बोल के,
तुमने फूंक दी लंका सारी
सीता बोली बजरंग बाला,
मैं जाऊ बलहारी,
जय सिया राम की बोल के,
तुमने फूंक दी लंका सारी।
अज्ञानी पापी ने तुम्हरी,
पूंछ में आग लगा दी,
मन में दबी थी क्रोध की ज्वाला,
जुल्मी ने बढ़ा दी,
समझ लिया बानर तुम को,
लंकेश की मत गई मारी,
जय सिया राम की बोल के,
तुमने फूंक दी लंका सारी।
राख बना दी पल भर में,
सोहने की चमकती लंका,
बजा दियां बाला जी तुमने,
राम नाम का डंका,
कर दिया ये एलान मरोगे,
अब सब बारी बारी,
जय सिया राम की बोल के,
तुमने फूंक दी लंका सारी।
दस के दस सिर घूम गए,
रावण ने ये जब देखा,
लगा सोचने पार करि,
क्यों मर्यादा की रेखा,
क्या होगा जब आएगी,
श्री राम की यह सवारी,
जय सिया राम की बोल के,
तुमने फूंक दी लंका सारी।
यह भी देखें You May Also Like
- राम गुण गा लो जी भजन लिरिक्स Ram Gun Gaa Lo Ji Lyrics
- जय सिया राम की बोल के लिरिक्स Jay Siya Ram Ki Bol Ke Lyrics
- भगत श्री राम का नहीं है हनुमान सा bhakat shri ram ka nhi hai hanuman sa बाला जी भजन
- मेरी खुशियों का नही है ठिकाना meri khushiyo ka nhi hai thikana बाला जी भजन
- श्री हरि स्त्रोतम लिरिक्स हिंदी Shri Hari Strotam Lyrics Hindi श्री हरि स्त्रोतम
- श्री सालासर बालाजी कथा Shri Salasar Balaji History in Hindi
- ओ सालासर के राजा मैं दर तेरे आवां जावांगा लिरिक्स O Salasar Ke Raja Main Dar Tere Ava Javanga Lyrics
- राजीव लोचन राम आज अपने घर आए लिरिक्स Rajiv Lochan Ram Aaj Apne Ghar Aaye Lyrics Hindi Ram Bhajan Lyrics Rajiv Krishna Shastri
- आओ यशोदा के लाल लिरिक्स हिंदी Aao Yashoda Ke Laal Lyrics
- भज हूँ रे मन श्री नन्द नंदन अभय चरण लिरिक्स हिंदी Bhaj Hu Re Man Shir Nand Nandan Abhay Charan Lyrics
भजन के पहले दो श्लोकों में, भक्त हनुमान के महान भक्ति के बारे में बताते हैं। वे कहते हैं कि हनुमान ने सीता की खोज में लंका की यात्रा की, और उन्होंने रावण से सीता को छोड़ने के लिए कहा।
तीसरे और चौथे श्लोकों में, भक्त हनुमान के क्रोध के बारे में बताते हैं। वे कहते हैं कि रावण ने हनुमान की पूंछ में आग लगा दी, और इससे हनुमान क्रोधित हो गए। उन्होंने लंका को जला दिया और रावण को चेतावनी दी कि वह राम के हाथों मर जाएगा।
पांचवें और छठे श्लोकों में, भक्त रावण की हार का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि रावण ने हनुमान की चेतावनी को नहीं सुना, और वह राम के हाथों मारा गया।
यह भजन भक्ति के शक्तिशाली भाव को व्यक्त करता है। भक्त हनुमान की शक्ति और दृढ़ संकल्प की प्रशंसा करते हैं। यह भजन हमें सिखाता है कि ईश्वर के प्रति हमारी भक्ति हमें कठिन परिस्थितियों में भी मजबूती प्रदान कर सकती है।
भगवान राम के महान भक्त हनुमान की शक्ति और दृढ़ संकल्प की प्रशंसा की जाती है।
हनुमान की भक्ति ने उन्हें रावण जैसे शक्तिशाली दुश्मन को हराने में मदद की।
ईश्वर के प्रति हमारी भक्ति हमें कठिन परिस्थितियों में भी मजबूती प्रदान कर सकती है।
यह भजन अक्सर मंदिरों और घरों में गाया जाता है। यह भजन भक्ति के उत्सव और भगवान राम और हनुमान के प्रति प्रेम का एक शक्तिशाली प्रदर्शन है।