नजरिया उतार सखी शीश बनी के झूमर सोहे
नजरिया उतार सखी
मेरी बन्नी की, ....2
शीश बनी के झूमर सोहे,
कान बनी के झुमके सोहें
ज़ुल्फों पे घिरी अँधियारी
बदरिया कारी
बदरिया बरसे
बनी मेरी भीगे
बिजुरिया चमके,
सखी मेरी बरनी पे.
मेरी बन्नी की, ....2
शीश बनी के झूमर सोहे,
कान बनी के झुमके सोहें
ज़ुल्फों पे घिरी अँधियारी
बदरिया कारी
बदरिया बरसे
बनी मेरी भीगे
बिजुरिया चमके,
सखी मेरी बरनी पे.
