बोल गए बतलाय गए बागों में लिरिक्स Bol Gaye Batlaay Gaye Lyrics

बोल गए बतलाय गए बागों में लिरिक्स Bol Gaye Batlaay Gaye Lyrics,  लोक गीत | बन्ना बन्नी गीत | बृज गीत लिरिक्स हिन्दी

बोल गए बतलाय गए बागों में लिरिक्स Bol Gaye Batlaay Gaye Lyrics
 बोल गए बतलाय गए
बोल गए बतलाय गए बागों में,
मेरी हरद चढ़ी लाड़ो को नज़र लगाय गए, बागों में,
मेरी सिर-चढ़ी लाड़ो को नज़र लगाय गए, बागों में। बोल गए
लाड़ो पूछे बाबा से, ए बाबा, लाड़ो पूछो ताऊ से, ए ताऊ,
मैं किस विध मिलने जाऊँ रँगीले आए हैं, बागों में,
हाथ में डलिया फूलों की, ए लाड़ो, ....2
मालिनिया बन के जाओ रँगीले आए हैं, बागों में। बोल गए
लाड़ो पूछे बाबुल से ए बाबुल, लाड़ो पूछो चाचा से ए चाचा,
मैं किस विध मिलने जाऊँ रँगीले आए हैं, बागों में,
शीश पे गठरी कपड़ोँ की, ए लाड़ो, ....2
धोबिनिया बन के जाओ रँगीले आए हैं, बागों में। बोल गए
लाड़ो पूछे भाई से ए भैया, लाड़ो पूछो जीजा से ए जीजा,
मैं किस विध मिलने जाऊँ रँगीले आए हैं, बागों में,
कमर मटकिया माटी की, ए लाड़ो, ....2
पनिहारिन बन के जाओ रँगीले आए हैं, बागों में। बोल गए
लाड़ो पूछे मामा से ए मामा, लाड़ो पूछो फूफा से ए फूफा,
मैं किस विध मिलने जाऊँ रँगीले आए हैं, बागों में,
हाथ में बीड़े पानों के, ए लाड़ो, ....2
पनवाड़िन बन के जाओ रँगीले आए हैं, बागों में। बोल गए
 

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